उतरौला
नगर क्षेत्र में चल रहे अवैध स्लॉटर हाउस पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार महकमा गंभीर नहीं है। घनी आबादी के बीच आधे दर्जन से अधिक घरों में चल रही वधशालाओं के कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। 
वर्ष 2018 में शासन के निर्देश पर नगर पालिका से निर्गत सभी 18 लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे। प्रशासन की सख्ती के चलते कुछ दिनों तक पशु वध पर विराम रहा लेकिन पिछले कुछ महीनों से एक बार फिर अवैध वधशालाएं सक्रिय हो गई हैं। भोर के धुंधलके में बड़े पशुओं का वध कर कबाब की दुकानों व होटलों तक मांस पहुंचा दिया जाता है। मंडी की गली के मुहाने पर खड़े लोग पूरा दिन ग्राहकों को बुला-बुला कर मांस देने के लिए अपने अड्डों तक ले जाते हैं। शासन के दावों में अवैध स्लॉटर हाउस भले ही बंद हैं लेकिन नगर में बेखौफ यह गतिविधि संचालित हो रही है। जानकारों की माने तो सफेदपोशों व संबंधित विभागों के कर्मचारियों की गठजोड़ के कारण इस धंधे पर पूर्ण विराम नहीं लग पा रहा है।
  सीओ राधारमण सिंह का कहना है कि अवैध स्लॉटर हाउस चलने का प्रकरण उनके संज्ञान में नहीं है। अभियान चलाकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
असगर अली
 उतरौला 

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