चैधरी उदयभान सिंह द्वारा महिला कारीगरों में पंजदरी, चिकनकारी एवं
कामदानी क्राफ्ट के टूल-किटों का वितरण
राज्यमंत्री ने किया संस्थान में डिस्प्ले गैलरी का भी उद्घाटन
संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा-चैधरी उदयभान सिंह
लखनऊ: 21 दिसम्बर, 2020
शहीद पथ स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च (यू.पी.आई.डी.आर) में आज टूलकिट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चैधरी उदयभान सिंह द्वारा हस्तशिल्प प्रोत्साहन योजना के तहत महिला कारीगरों में पंजदरी, चिकनकारी एवं कामदानी क्राफ्ट के टूल-किटों का वितरण किया गया। इसी दौरान उन्होंने संस्थान में डिस्प्ले गैलरी का भी उद्घाटन किया। इस आर्ट गैलरी में संस्थान द्वारा समय-समय पर आयोजित किये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में कारीगरों, हस्तशिल्पियों व बुनकरों के उत्पादों का डिस्प्ले किया गया है।
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यू.पी.आई.डी.आर. को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा, जो देश में डिजाइनिंग का पहला विश्वविद्यालय होगा। उन्होंने कहा कि यू.पी.आई.डी.आर. की स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी, लेकि बैसाखी पर चल रही संस्था को गति 2017 से मिलनी शुरू हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में संस्थान ने प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में नयी पहचान मिली। इसकी वजह से ट्राइफेड जैसे केंद्रीय संस्थान ने यू.पी.आई.डी.आर. के साथ मिलकर काम करने की इच्छा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के वोकल फॉर लोकल एवं लोकल को ग्लोबल बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में यू.पी.आई.डी.आर. तेजी से अग्रसर है। ।
संस्थान की अध्यक्षा श्रीमती क्षिप्रा शुक्ला ने बताया कि यू.पी.आई.डी.आर. के तहत हजारों शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग और अपने सामान को बेचने का एक प्लेटफॉर्म दिया गया है। वर्ष 2017 से अभी तक पांच से छः हजार आर्टीजंस और बुनकरों को प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही अधिक से अधिक शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को यूपीआईडीआर के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने उत्पादों को सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि 125 डिजाइनरों को संस्थान से जोड़ा गया है, जिससे पारंपरिक उत्पादों को नये कलेवर में तैयार करने में मदद मिल रही।
इस अवसर पर निदेशक यूपीआईडीआर श्री डी0पी0 सिंह सहित सीतापुर, लखनऊ व कानपुर के सैकड़ों कारीगर व प्रशिक्षक उपस्थित थे।
कामदानी क्राफ्ट के टूल-किटों का वितरण
राज्यमंत्री ने किया संस्थान में डिस्प्ले गैलरी का भी उद्घाटन
संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा-चैधरी उदयभान सिंह
लखनऊ: 21 दिसम्बर, 2020
शहीद पथ स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च (यू.पी.आई.डी.आर) में आज टूलकिट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्यमंत्री चैधरी उदयभान सिंह द्वारा हस्तशिल्प प्रोत्साहन योजना के तहत महिला कारीगरों में पंजदरी, चिकनकारी एवं कामदानी क्राफ्ट के टूल-किटों का वितरण किया गया। इसी दौरान उन्होंने संस्थान में डिस्प्ले गैलरी का भी उद्घाटन किया। इस आर्ट गैलरी में संस्थान द्वारा समय-समय पर आयोजित किये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में कारीगरों, हस्तशिल्पियों व बुनकरों के उत्पादों का डिस्प्ले किया गया है।
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यू.पी.आई.डी.आर. को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा, जो देश में डिजाइनिंग का पहला विश्वविद्यालय होगा। उन्होंने कहा कि यू.पी.आई.डी.आर. की स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी, लेकि बैसाखी पर चल रही संस्था को गति 2017 से मिलनी शुरू हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में संस्थान ने प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में नयी पहचान मिली। इसकी वजह से ट्राइफेड जैसे केंद्रीय संस्थान ने यू.पी.आई.डी.आर. के साथ मिलकर काम करने की इच्छा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के वोकल फॉर लोकल एवं लोकल को ग्लोबल बनाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में यू.पी.आई.डी.आर. तेजी से अग्रसर है। ।
संस्थान की अध्यक्षा श्रीमती क्षिप्रा शुक्ला ने बताया कि यू.पी.आई.डी.आर. के तहत हजारों शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग और अपने सामान को बेचने का एक प्लेटफॉर्म दिया गया है। वर्ष 2017 से अभी तक पांच से छः हजार आर्टीजंस और बुनकरों को प्रशिक्षित किया गया। इसके साथ ही अधिक से अधिक शिल्पकारों, कारीगरों और प्रशिक्षकों को यूपीआईडीआर के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने उत्पादों को सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे। उन्होंने बताया कि 125 डिजाइनरों को संस्थान से जोड़ा गया है, जिससे पारंपरिक उत्पादों को नये कलेवर में तैयार करने में मदद मिल रही।
इस अवसर पर निदेशक यूपीआईडीआर श्री डी0पी0 सिंह सहित सीतापुर, लखनऊ व कानपुर के सैकड़ों कारीगर व प्रशिक्षक उपस्थित थे।
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