फाफामऊ पुल के पास सब्जी मंडी इलाके में कोचिंग जा रहे दो छात्र शशांक जायसवाल और रितेश सिंह ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही की भेंट चढ़ गए। अज्ञात वाहन की टक्कर से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों के सिर फट गए थे। बाइक सवार अपनी गाड़ी छोड़कर भाग निकला। छात्रों के पास से मिले आईकार्ड से उनकी शिनाख्त हुई। सूचना मिलते ही दोनों घरों में हाहाकार मच गया। फाफामऊ सब्जी मंडी जैसे इलाके में जहां ट्रैफिक पुलिस की 24 घंटे तैनाती रहती है, वहां ऐसी घटना पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा निशान लगाती है।
सीआरपीएफ में सिपाही बृजेंद्र प्रताप सिंह का परिवार शांतिपुरम के सेक्टर डी में रहता है। उनका बड़ा बेटा रितेश सिंह उर्फ लालू (16) पड़ोस में रहने वाले अपने दोस्त शशांक जायसवाल उर्फ ओम (16) के साथ शनिवार की शाम तेलियरगंज स्थित कोचिंग जा रहा था। दोनों जैसे ही फाफामऊ पुल के पास सब्जीमंडी पहुंचे, सामने से आ रहे अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी। दोनों स्कूटी से उछलकर दूर जा गिरे। उनसे सिर में इतनी घातक चोटें आईं कि दोनों की मौके पर मौत हो गई।

मौके पर भीड़ लग गई। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उनके पास से मिले आईकार्ड से शिनाख्त हुई। दोनों के घर वालों को सूचना दी गई तो उनके ऊपर जैसे पहाड़ टूट पड़ा। घटना से महज 15 मिनट पहले शशांक और रीतेश खुशी खुशी निकले थे। घर वाले भागते हुए मौके पर पहुंचे। एसआरएन अस्पताल की मर्चरी में दोनों के शव देखकर घर वाले चीत्कार उठे।

फाफामऊ में जहां घटना हुई है, वहां ट्रैफिक पुलिस की 24 घंटे तैनाती होती है। आसपास के लोगों का साफ साफ आरोप है कि सिपाही वसूली में बिजी रहते हैं। यातायात व्यवस्था से उनका कोई लेना देना नहीं होता। इसी कारण क्षेत्र में अक्सर जाम लगता रहता है। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही से आज दो घरों से चिराग बुझ गए।

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