जनपद गोरखपुर और वाराणसी में मण्डल स्तर पर
एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर का निर्माण किया जाएगा
गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय
कार्यालयों के निर्माण हेतु सम्बन्धित प्राधिकरण नोडल एजेंसी होंगे
विभिन्न प्रकरणों के नियमानुसार निस्तारण/निर्णय लेने हेतु
मण्डल स्तरीय/राज्य स्तरीय समितियां होंगी
यह मण्डलीय कार्यालय पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में निर्मित होंगे
कार्यालयों के निर्माण के लिए शीघ्र डी0पी0आर0
तैयार कर परियोजना क्रियान्वित किए जाने के निर्देश
प्रस्तावित परियोजना के सम्बन्ध में मण्डल स्तर पर
मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति गठित
लखनऊ: 13 दिसम्बर, 2020जनपद गोरखपुर और वाराणसी में मण्डल स्तर पर एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इस क्रम में गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण हेतु सम्बन्धित प्राधिकरण नोडल एजेंसी नामित किया गया है। साथ ही, विभिन्न प्रकरणों के नियमानुसार निस्तारण/निर्णय लेने हेतु मण्डल स्तरीय/राज्य स्तरीय समितियां होंगी। यह मण्डलीय कार्यालय पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में निर्मित किए जाएंगे।
इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन द्वारा आयुक्त गोरखपुर व वाराणसी मण्डल को पत्र लिखकर लिए गए निर्णयों से अवगत कराते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इन कार्यालयों के निर्माण के लिए शीघ्र डी0पी0आर0 तैयार कर परियोजना क्रियान्वित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न मण्डलों मंें स्थित मण्डलायुक्त कार्यालयों पर विभिन्न मण्डलीय कार्यालयों से आना-जाना समय-साध्य एवं व्यय-साध्य है। मण्डलीय कार्यालय विभिन्न स्थान पर संचालित होने के कारण इनके मध्य समन्वय भी ठीक से नहीं हो पाता है। साथ ही, मण्डल स्तरीय कार्यालयों में स्थान की आवश्यकता एवं उपलब्धता में असमानता के साथ-साथ नवीन तकनीकी सुविधाओं का भी अभाव है। अधिकांश कार्यालय किराए के भवन में चल रहे हैं अथवा कार्यालय भवनों की स्थिति जीर्ण-शीर्ण है, जिससे कार्यालयी वातावरण भी प्रभावित होता है।
गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर के निर्माण हेतु गोरखपुर विकास प्राधिकरण एवं वाराणसी विकास प्राधिकरण नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे। नोडल एजेंसी के कार्यों एवं दायित्वों के तहत मण्डल स्तर पर पुराने भवन/परिसर व अन्य भूमि का पुनर्विकास किया जाएगा तथा उनके मुद्रीकरण से राजस्व प्राप्त किया जाएगा। पुराने भवनों के स्वामित्व की रिक्त भूमि पर भी नई परियोजनाओं का विकास कर राजस्व प्राप्त किया जाएगा। पुराने भवन परिसरों की रिक्त भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में मुद्रीकरण करते हुए एक ष्ैमस.िैनेजंपदंइसम डवकमसष् पर इन परिसम्पत्तियों का पुनर्विकास किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि मण्डल स्तर पर एकीकृत सरकारी कार्यालय परिसर परियोजना की ष्थ्पदंदबपंस अपंइपसपजल व िजीम चतवरमबज वद ेमस.िेनेजंपदंइसम उवकमसष् के आधार पर डी0पी0आर0 तैयार किया जाएगा। इस कार्य हेतु नोडल एजेंसी नियमानुसार कंसलटेंट/ट्रान्सैक्शन एडवाइजर को नियुक्त कर सकेगी। परियोजना पर व सभी रिक्त भूमि/भवन के पुनर्विकास/मुद्रीकरण इत्यादि पर मण्डल स्तरीय समिति के माध्यम से राज्य स्तरीय समिति का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। एकीकृत कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य 03 वर्षों के अंदर पूर्ण होना है।
प्रवक्ता ने कहा कि गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय परिसर के निर्माण हेतु प्रस्तावित परियोजना के सम्बन्ध में मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय समिति गठित की गई है। जिलाधिकारी (मण्डल मुख्यालय), मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन, सहयुक्त नियोजक (सी0टी0सी0पी0 कार्यालय), उपमहानिरीक्षक निबन्धन, अध्यक्ष द्वारा नामित लैण्ड मोनेटाइजेशन एण्ड रीडेवलपमेंट के विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे। उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण समिति के सदस्य एवं संयोजक होंगे।
मण्डल स्तरीय समिति परियोजना काॅन्सेप्ट, एस्टीमेट, स्कोप/डिजाइन व लागत आदि को राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन हेतु प्रस्तावित करेगी तथा निर्माण कार्य का अनुश्रवण करेगी। यह समिति ऐसी सभी भूमि को चिन्हित करेगी, जो विभिन्न विभागों के मण्डल स्तरीय कार्यालय में स्थानांतरित होने के कारण रिक्त हो जाएंगे। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि समस्त प्रस्तावित मण्डल स्तरीय अधिकारियों के लिए पर्याप्त जगह एकीकृत कार्यालय में हो तथा सभी कार्यालयों के अनुरूप लिफ्ट, टाॅयलेट, पार्किंग, पर्याप्त मीटिंग हाॅल और प्रेक्षागृह हों।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know