बता दें कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पांच करोड रुपए की लागत से ट्रामा सेंटर का नया भवन बनकर तैयार हुआ है. इस भवन में 344 मरीजों के लिए बेड का इंतजाम है. आकस्मिक दुर्घटना के अलावा इमरजेंसी की स्थिति में यहां तकरीबन 70 से 100 मरीज प्रतिदिन इलाज कराने आ रहे हैं. जबकि ट्रामा सेंटर की ओपीडी में कोरोना से पहले तकरीबन 400 मरीज प्रतिदिन आया करते थे. कोरोना संक्रमण काल के मौजूदा समय में इन दिनों ओपीडी में 2 से 25 मरीज ही आ रहे हैं.

ट्रामा सेंटर में लगभग 15 से 20 मरीजों का इमरजेंसी ऑपरेशन होता है. कोरोना काल से पहले ट्रामा सेंटर में 20 मरीजों का इलेक्ट्रिक ऑपरेशन हुआ करता था लेकिन मौजूदा समय में अब केवल 8 मरीजों का ही प्रचलन इलेक्ट्रिक ऑपरेशन हो रहा है. अब तक इस ट्रामा सेंटर में मरीजों के लिए प्लाज्मा और प्लेटलेट्स की सुविधा नहीं थी. अब ट्रामा सेंटर प्रशासन की ओर से यह सुविधा शुरू करा दी गई है.

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