25 दिसम्बर मध्यरात्रि से ही उत्तर प्रदेश मे ग्राम प्रधानों क़े कार्यकाल समाप्त हो गए ।
प्रदेश क़े 74 जिलों क़े ग्राम प्रधानों क़े वित्तीय अधिकार को मध्यरात्रि से ही रोक दिया गया हैै ।
अब ब्लॉक क़े एडीओ पंचायत ग्राम सचिवों क़े सहयोग से अगले नये प्रधानों क़े चयन तक कार्य देखेंगे । कोरोना क़े चलते इस साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर भी ग्रहण लग गया । बताते चलें शासन क़े निर्देशानुसार 25 दिसंबर से सारे अधिकार ले लेने की खबर क़े बाद कुछ चौकन्ने प्रधानों मे गाँवों क़े विकास निधि क़े बचे हुये धन को काफी तेजी से निकालने की खबरें आयी । जिसे मुख्यमन्त्री ने गम्भीरता से लेते हुये प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित और आहरित धनराशि की जांच कराने की बात कही हैै साथ ही धन आहरण और वित्तीय अनियमितता व कमियां पाए जाने पर संबंधित क़े खिलाफ सख्त कार्रवाई क़े आदेश दिये गए हैं ।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि प्रदेश क़ेगाँवों मे भ्रस्टाचार और व्ययलेखा मे धांधली करने वालों क़े खिलाफ कार्यवाही करने का निर्देश दिया था ।
उमेश चन्द्र तिवारी
हिन्दी संवाद न्यूज़
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