नोएडा : किसान आंदोलन के बीच जिले के गंभीर मरीजों को जिदगी और मौत से जूझना पड़ रहा है। दिल्ली बार्डर सील होने के कारण एंबुलेंस डेढ़ घंटे तक जाम में फंसी रहती है। वहीं, चंद मिनटों के रास्ते को तय करने में साढ़े तीन घंटे का समय लग रहा है। उधर, निजी एबुलेंस चालकों ने भी दिल्ली जाने के लिए दाम दोगुने कर दिए हैं। जिसका सीधा असर मरीजों के स्वास्थ्य व उनकी जेब पर पड़ रहा है।

जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। आइसीयू व ट्रामा सेंटर समेत कई विशेष सुविधा न होने के कारण गंभीर मरीजों को दिल्ली के सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, लोकनायक, जीटीबी आदि अस्पतालों में रेफर किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, जिला अस्पताल से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचने में मात्र 20 से 25 मिनट का समय लगता हैं, लेकिन इस समय किसान आंदोलन के कारण मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन ने मरीजों को 108 एंबुलेंस के बजाय एडवांस लाइफ स्पोर्ट (एएलएस) के जरिए भेजना तो शुरू कर दिया, पर मरीजों के सापेक्ष एंबुलेंस की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। जिले में इस तरह की मात्र तीन ही एंबुलेंस है। 108 एंबुलेंस के जिला प्रोग्राम मैनेजर संदीप कुमार का कहना है कि जिले से हर दिन 15 मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा रहा है। जाते व आते समय एंबुलेंस करीब डेढ़ घंटे जाम में फंसी रहती हैं, कई बार मरीज को अति गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचाया गया है।

नहीं खुले दिल्ली बार्डर तो होगी दवा की कमी

गौतमबुद्ध नगर जिला केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अनूप खन्ना के अनुसार यदि अगले सप्ताह तक किसानों का आंदोलन नहीं थमा तो जिले में दवाइयों का संकट गहरा सकता है। बताया कि सीमाएं सील होने के कारण दवाइयों की आपूर्ति रुक गई है। इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारी डीएम सुहास एलवाइ व सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी से भी मिलेंगे।

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