प्रयागराज शहर की स्ट्रीट लाइटों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम तक शुरू नहीं हो सका है। हालांकि इस काम को नवंबर में ही विद्युत विभाग को शुरू कर देना था। स्ट्रीट लाइटों के स्मार्ट मीटर से संचालित होने पर बिजली की खपत कम होने की उम्मीद है। बिजली की खपत जब कम होगी तो जाहिर है कि इससे नगर निगम को हर महीने लाखों रुपए की बिजली की बचत होगी।
कटियामारी के कारण स्ट्रीट लाइट बुझ जाती है
शहर में करीब 45000 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इन स्ट्रीट लाइटों के पास विद्युत पोल में शाम होते ही बहुत से लोग कटियामारी करके बिजली जलाते हैं। इससे बिजली के ट्रिप होने का भी खतरा रहता है। रात के समय में बिजली के ट्रिप होने पर स्ट्रीट लाइटें भी बुझ जाती हैं, जिससे सड़कों और गलियों ने अंधेरा फैल जाता है। नगर निगम को स्ट्रीट लाइटों की औसत बिजली की खपत के लिए विद्युत विभाग बिल का भुगतान करना होता है। ऐसे में अगर बिजली के ट्रिप करने से स्ट्रीट लाइटें बुझी रह जाती हैं तो नगर निगम को नुकसान झेलना पड़ता है।
स्मार्ट मीटर लगने से बिजली चोर भी पकड़े जा सकेंगे
कटियामारी की समस्या के निस्तारण और वास्तविक बिलिंग के मकसद से ही सरकार ने प्रयागराज, वाराणसी समेत कुछ शहरों में स्ट्रीट लाइटों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बजट जारी किया था। नगर निगम के विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक विद्युत पोल पर स्मार्ट मीटर के लगने से करीब आधा दर्जन से लेकर एक दर्जन स्ट्रीट लाइटों का संचालन उसके जरिए होगा। इससे किसी जगह पर बिजली का लोड बढ़ने पर अफसरों को यह जानकारी हो सकेगी की क्षेत्र विशेष में कटिया मारी अधिक होने के कारण ऐसा हुआ है। इससे विभागीय अधिकारी उस क्षेत्र का निरीक्षण करके बिजली चोरी करने वालों को पकड़ भी सकेंगे। साथ ही नगर निगम को औसत बिलिंग की जगह पर वास्तविक बिलिंग के आधार पर रकम का भुगतान करना होगा। हालांकि, अभी तक स्मार्ट मीटर लगाने के काम शुरू नहीं हो सका है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know