गोंडा : परिवहन विभाग ने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना संभागीय परिवहन कार्यालयों में काम नहीं हो रहा है। वहीं वेबसाइट पर आवेदन करने के बाद नंबर प्लेट आने में 10 से 15 दिन का समय लग रहा है। इससे लोगों को परेशानी का सामना पड़ रहा है।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों के ही फिटनेस, रजिस्ट्रेशन आदि कार्य किए जा रहे हैं। एक अक्टूबर से परिवहन विभाग ने इसे पूरी तरह से लागू कर दिया है। बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाए विभिन्न कार्यों के लिए कार्यालय आने वाले लोगों को वापस कर दिया जा रहा है। शनिवार को परिवहन दफ्तर आए रामप्रकाश सिंह ने बताया कि वह वाहन का पुन: पंजीयन करना चाह रहे हैं लेकिन, यहां हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने के कारण काम नहीं हो सका। इसके लिए आवेदन किया है। इसमें दस दिन का समय बताया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अब दोबारा आना पड़ेगा। इसी तरह से कई अन्य लोग भी विभिन्न कार्यों से कार्यालय आए। जिन्हें बैरंग लौटना पड़ा। यह है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
-हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर वाहन का इंजन नंबर, चेचिस नंबर की जानकारी होगी। इसके अलावा प्लेट एल्युमीनियम का बना होता है। इसमें एक क्रोमियम बेस्ड 20 एमएच गुणे 20 एमएच का नीले रंग में अशोक चक्र का मोनोग्राम होता है। यह प्लेट के बाईं तरफ मौजूद होगा। इसी में नीचे 10 अंकों का पिन नंबर होगा। इसे लेजर के माध्यम से बनाया गया है लेकिन, यहां अभी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगे वाहनों की संख्या बहुत कम है। करीब साढ़े तीन लाख से अधिक वाहन पुरानी व्यवस्था के तहत चल रहे हैं। हालांकि परिवहन विभाग इन वाहनों से संबंधित कार्य कर रहा है।
-सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी संजीव कुमार सिंह ने बताया कि वाहन स्वामी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन की भी व्यवस्था है। इसके लिए उन्हें डीलर के पास जाकर आवेदन करना होगा। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने के बाद वाहन के फिटनेस सहित अन्य कार्य होंगे।
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