भोले-भाले किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर 
अराजकता पैदा करना चाहता है विपक्ष: सीएम योगी

कृषि सुधार पर विपक्ष का दोहरा चरित्र उजागर

चुनावी घोषणा पत्र और संसद की स्थायी 
समिति में किया समर्थन, फिर अब विरोध क्यों?

लखनऊ: 07 दिसम्बर, 2020: कृषि सुधार अध्यादेशों को लेकर किसान आंदोलन के बहाने केंद्र सरकार पर हमलावर विपक्षी दलों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आड़े हाथों लिया है। सीएम योगी ने कहा है कि विपक्षी दलों की कोशिश देश में अराजकता फैलाने की है। यह लोग भोले-भाले किसानों को गुमराह कर उनके कंधे पर बंदूक रखकर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं
सोमवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से मुखातिब सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डीएमके और तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों ने संसद की स्थायी समिति में इन्हीं सुधारों की वकालत की थी।
    यही नहीं कांग्रेसनीत यूपीए-2 की सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने राज्यों के मुख्यममंत्रियों को पत्र लिखकर एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केट कमिटी एक्ट में बदलाव की जरूरत बताते हुए देश में एक माॅडल एक्ट की वकालत की थी। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के चुनावी घोषणा पत्र में एपीएमसी एक्ट में संशोधन की बात प्रमुखता से कही गई है। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित टीएमसी और अकाली दल और कांग्रेस के नेताओं ने कृषि संबंधी संसद की स्थायी समिति में चर्चा में एपीएमसी एक्ट में संशोधन की आवश्यकता का समर्थन किया था। इन सभी दलों ने समय-समय पर ‘वन नेशन-वन मंडी’ को देश के लिए उपयोगी बताया है। लेकिन आज जब केंद्र की एनडीए सरकार किसानों के उत्तम भविष्य को सुनिश्चित करते हुए यही कानून लाई है तो इन्हीं दलों को पीड़ा हो रही है। योगी ने विपक्षी दलों के इस रवैये को ‘दोहरा चरित्र’ करार देते हुए देश से माफी मांगने को कहा है।
    योगी ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई तो तत्कालीन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि हमें एपीएमसी एक्ट में संशोधन के लिए कोशिश करनी चाहिए। यही नहीं, दिल्ली की केजरीवाल सरकार तो नए अध्यादेश के मुताबिक नोटिफिकेशन जारी करने के बाद अब फिर इसी का विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दल जब सत्ता में रहते हैं तो इनका वक्तव्य कुछ और रहता है, स्टैंडिंग कमेटी में जहां गहन चर्चा होती है, वहां कुछ और कहते हैं और जब विपक्ष में होते हैं, तो इनके बयान आश्चर्यजनक रूप से बदल जाते हैं। दरअसल यही दोहरा चरित्र इनका असल चेहरा है। जनता इसे भली भांति समझती है।
    सीएम योगी ने कहा कि राजनीति में मूल्यों और सिद्धान्तों का बड़ा महत्व है। जो राजनीतिक दल इनसे विमुख हो जाते हैं वह जनविश्वास खो बैठते हैं, आज कांग्रेस, सपा, एनसीपी, टीएमसी और डीएमके जैसी पार्टियों की दशा देख इस बात को समझा जा सकता है। योगी ने कहा कि देश इस दोहरे रवैये वाले चरित्र को स्वीकार नहीं करेगा। एक ऐसे दौर में जबकि हम कोरोना के खिलाफ जारी वैश्विक जंग जीतने के कगार पर हैं, तब विपक्षी दलों द्वारा इस तरह किसानों को गुमराह कर अराजकता फैलाने की कोशिश हमारी लड़ाई को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास है। योगी ने कहा कि आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ करने का यह प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।
   मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार किसान हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित अनेक योजनाओं के केंद्र में किसान कल्याण ही है। नए कृषि सुधार कानून किसानों को उनकी मेहनत का पाई-पाई हक दिलाने वाले हैं। यह देश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को गुमराह करने की हर कुत्सित कोशिश बेकार जाएगी। केंद्र की सरकार लगातार किसानों से वार्ता कर रही है, जल्द ही इसका सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।

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