अयोध्या। सप्ताह भर से चल रही ग्राम पंचायतों में तालाबों की नीलामी में अब तक 58 तालाबों की नीलामी पूरी कर ली गई। मसौधा व सोहावल दोनों विकास खंडों से 108 गांव से जुड़े इन तालाबों की नीलामी में मछुआरा समुदाय से जुड़े निषाद मल्लाह आदि जातियों के लोगों को वरीयता दी गई। इस वर्ग से नीलामी लेने वाला न पाए जाने पर अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ी जाति के लोगों को नीलामी देने की व्यवस्था प्रशासन ने बनाई थी। तहसीलदार प्रमेश कुमार ने बताया अब तक कि गई नीलामी से लगभग पांच लाख का राजस्व जुटाया गया है।
तहसील क्षेत्र अंतर्गत मसौधा व सोहावल दोनों ब्लाकों से जुड़े 108 राजस्व गांव के बीच स्थापित मत्स्य पालन तालाबों की नीलामी तहसील के राजस्व विभाग ने मंगलवार को शुरू किया। दिनभर चली नीलामी प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों पर मनमानी करने का आरोप भी लगा। मछुआरा और निषाद समाज से जुड़े महिला पुरुष दोनों वर्गों में नीलामी लेने के लिए सुबह से ही दावेदार लोगों का तहसील मुख्यालय पर जमावड़ा शुरू हुआ।
कोविड.19 के प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए सभागार में एकत्र दावेदारों मे शामिल बड़ा गांव निवासी कांशीराम जैसे कई पुराने पट्टाधारकों ने आरोप लगाया नीलामी प्रक्रिया में नीलामीकर्ताओं की मनमानी चल रही है। नीलामी के लिए चस्पा की गई सूची में कई गांव के तालाब ऐसे हैं जिन्हें पूर्व में मिले पट्टे की अवधि अभी पूरी ही नहीं हुई है। कुछ ही महीना पहले उन्होंने हजारों रुपये का राजस्व सरकार को जमा किया है। तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो प्रदीप कुमार ने बताया सूचीबद्ध गांव के क्रम से 27 तालाबों की नीलामी की गई। जिसके सापेक्ष 258000 रुपये का राजस्व जमा कराया गया है बाकी बचे तालाबों की नीलामी प्रक्रिया 11 दिसंबर को पूरी कराई जाएगी।
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