नई दिल्‍ली से वाराणसी तक बनने वाले हाई स्‍पीड रेल कॉरिडोर के लिए लिडार तकनीक के प्रयोग को हरी झंंडी दी गई है। इसके साथ ही अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज को भी हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी देने की तैयारी है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि अब वाराणसी से अयोध्‍या होते हुए बुलेट ट्रेन को भी मंंजूरी जल्‍द मिल सकती है। दरअसल लिडार प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ उपलब्ध कराए गए आंकड़ों का उपयोग करके सड़कों, भूतल परिवहन, नहरों, भूस्खलन के साथ ही नगर नियोजन और सिंचाई से संबंधित परियोजनाओं में उपयोग किया जा सकता है।

इस बाबत नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से जारी जानकारी के अनुसार दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए ग्राउंड सर्वे करने के लिए भारतीय रेलवे एक हेलिकॉप्टर के जरिए लेजर युक्‍त उपकरण के साथ लिडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीक का इस्तेमाल करेगा। 

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