नियमित शिक्षकों को विशिष्ट क्षेत्रों में उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा, ़ित्रवर्षीय रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजना की घोषणा
19 दिसम्बर 2020 लखनऊ
    प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालय के नियमित शिक्षकों को विशिष्ट क्षेत्रों में उत्कृष्ट शोध कार्य हेतु प्रोत्साहित करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा, ़ित्रवर्षीय रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजना की घोषणा की गई है।  उपमुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा, ने यह बताया कि यह योजना विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्थायी रूप से नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षकों को शोध करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए है। शोध में प्रमाणित रूप से सक्रिय शिक्षकों को इसमें वरीयता दी जायेगी। योजना के प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश विशेष के सन्दर्भ/परिप्रेक्ष्य में बनाये जाएंगे तथा छममक ठंेमक ज्ीतनेज ।तमंे के अन्तर्गत प्रस्तावों को वरीयता दी जायेगी। भारतीय संस्कृति एवं विरासत/ स्वास्थ्य/पर्यावरण/ शिक्षा में तकनीक आदि राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकताओं के अन्तर्गत थ्रस्ट एरियाज का चिन्हीकरण किया जायेगा। योजनान्तर्गत वही प्रस्ताव अनुमन्य होंगे जो अनुसंधान/शोधकार्यो/शिक्षा की गुणवत्ता में प्रत्यक्ष सुधार कर सके तथा तकनीकी एवं बेहतर पाठ्य चर्चा द्वारा शिक्षण स्तर में तथा अध्ययनरत छात्रों द्वारा उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धि प्राप्त कर सकने में सीधे प्रभावकारी हों।
    श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया कि वर्ष 2020-21 हेतु रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजनांतर्गत प्रस्ताव दिनांक 30 दिसम्बर ,2020 तक शासन को उपलब्ध कराए जाने हैं तथा आगामी वर्षो हेतु 01 अप्रैल से 31 मई तक उपलब्ध कराये जाएंगे। वृहद् शोध परियोजना हेतु रूपये 15 लाख एवं लद्यु शोध परियोजना हेतु रूपये 05 लाख का अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। तीन वर्ष के भीतर पूरी की गई परियोजना के शोध कार्य से कम कम दो शोध पत्र न्ळब्ध्ब्।त्म् स्पेजमक ( ।जिमत.2016)शोध पुस्तिका ( जर्नल) मंे प्रमुख शोधकर्ता को प्रकाशित करने होंगे। इस योजना की विशेषता है कि यदि प्रमुख शोधकर्ता का उसके मूल कार्य के स्थान से किसी दूसरे महाविद्यालय में स्थानान्तरण हो जाता है तो वह उस परियोजना को स्थानान्तरित कराया जा सकेगा। योजनान्तर्गत स्वीकृति प्रस्तावों के संबंध में कार्य की प्रगति रिपोर्ट, उपलब्धियों, व्यय आदि की समीक्षा विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/स्तर पर गठित अनुश्रवण एवं मूल्यांकान समिति द्वारा की जाएगी।

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