आउटर्सोसिंग कार्मिकों एवं कम्पनियों में कार्यरत कर्मचारियों के ईपीएफअंशदान के भुगतानकी होगीप्रभावी व्यवस्था
23 दिसम्बर 2020 लखनऊ
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने अपर केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त को निर्देशित किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रभावी व्यवस्था बनायी जाये, जिससे नियोक्ताओं द्वारा कम्पनियों में कार्यरत कर्मिकों के ईपीए्फ अंशदान को नियमानुसार जमा किया जा सके। नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी धनराशि के साथ स्वयं का अंशदान भी समय से जमा कराया जा सके। कर्मचारियों के पीएफ में जमा धनराशि की जानकारी भी उन्हें समय पर होती रहे और समय आने पर पीएफ के भुगतान की कार्यवाही भी आसानी से सुनिश्चित हो सके।इसी प्रकार शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटर्सोसिंग पर कार्य करने वाले कर्मिकों का भीईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नियमित रूप से जमा कराने के लिए सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्ष कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को अवगत कराकरयथावश्यक कार्यवाही करेंगे।
अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि के सम्बन्ध मेंहो रही गड़बड़ियों की शिकायतें शासन के संज्ञान में आयी हैं। इसमेंप्रदेश के जनपदों में कम्पनियों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन से ससमय ईपीएफ कटौती न करने, ईपीएफ खातों में कटौती की धनराशि को नियमानुसार जमा न करने, नियोक्ताओं द्वारा स्वयं का अंशदान भी ससमय जमा न कराने तथा कर्मचारियों के ईपीएफ में जमा धनराशि की समय-समय पर उन्हें जानकारी न देने के सम्बन्ध में शिकायतें मिली हैं।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आउटर्सोसिंग पर कार्य करने वाले कर्मिकों के सम्बन्ध में भी शासन के संज्ञान मंे आया है कि इन विभागों द्वारा कर्मिकों के ईपीएफ अंशदान का भुगतान सेवा प्रदाता एजेंसी को किया जा रहा है, किन्तु सेवा प्रदाता द्वारा इस अंशदान को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पक्ष में जमा नहीं किया जा रहा है।इससे कर्मचारियों के ईपीएफ के भुगतान की कार्यवाही समय से नहीं हो पा रही है।
23 दिसम्बर 2020 लखनऊ
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने अपर केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त को निर्देशित किया है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रभावी व्यवस्था बनायी जाये, जिससे नियोक्ताओं द्वारा कम्पनियों में कार्यरत कर्मिकों के ईपीए्फ अंशदान को नियमानुसार जमा किया जा सके। नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी धनराशि के साथ स्वयं का अंशदान भी समय से जमा कराया जा सके। कर्मचारियों के पीएफ में जमा धनराशि की जानकारी भी उन्हें समय पर होती रहे और समय आने पर पीएफ के भुगतान की कार्यवाही भी आसानी से सुनिश्चित हो सके।इसी प्रकार शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटर्सोसिंग पर कार्य करने वाले कर्मिकों का भीईपीएफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में नियमित रूप से जमा कराने के लिए सम्बन्धित विभाग के प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्ष कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को अवगत कराकरयथावश्यक कार्यवाही करेंगे।
अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि के सम्बन्ध मेंहो रही गड़बड़ियों की शिकायतें शासन के संज्ञान में आयी हैं। इसमेंप्रदेश के जनपदों में कम्पनियों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन से ससमय ईपीएफ कटौती न करने, ईपीएफ खातों में कटौती की धनराशि को नियमानुसार जमा न करने, नियोक्ताओं द्वारा स्वयं का अंशदान भी ससमय जमा न कराने तथा कर्मचारियों के ईपीएफ में जमा धनराशि की समय-समय पर उन्हें जानकारी न देने के सम्बन्ध में शिकायतें मिली हैं।उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आउटर्सोसिंग पर कार्य करने वाले कर्मिकों के सम्बन्ध में भी शासन के संज्ञान मंे आया है कि इन विभागों द्वारा कर्मिकों के ईपीएफ अंशदान का भुगतान सेवा प्रदाता एजेंसी को किया जा रहा है, किन्तु सेवा प्रदाता द्वारा इस अंशदान को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पक्ष में जमा नहीं किया जा रहा है।इससे कर्मचारियों के ईपीएफ के भुगतान की कार्यवाही समय से नहीं हो पा रही है।
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