======= क्लोनिंग चेक के माध्यम से रामजन्मभूमि ट्रस्ट के खाते से धन निकालने वाले मुम्बई निवासी चार अभियुक्तों गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है। पूरी घटना में बैंक के किसी कर्मचारी के भी मिले होने की सम्भावना है। जिसने चेक की क्लोनिंग कराने में मद्द की। प्रकरण का मास्टरमाइन्ड यूपी के बनारस का रहने वाला है। जिसकी गिरफ्तारी में पुलिस जुटी है।
*डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि क्लोनिंग करने के दो तरीके होते है। एक तो किसी चेक को देखकर क्लोनिंग कर दिया और दूसरा क्लीयरिंग हाउस में आये चेक की क्लोनिंग कर दिया। इसके लिए बैंक कर्मचारी के मिलीभगत की आवश्यकता होती है। चालाकी के साथ चेक की अंतिम डिजिटो का प्रयोग किया गया। चेक बुक समाप्त होने के उपरान्त अगली चेक बुक का इस्तेमाल करने में पिछली चेकबुक की अंतिम चेकों को नहीं काटा गया। जिसका अभियुक्तों ने प्रयोग किया।*
*उन्होने बताया कि पहली बार अभियुुक्तों ने 6 लाख का चेक लगाया जिससे बैंक ने पास कर दिया। दूसरी बार 9 लाख का चेक लगाया तब ट्रस्ट के पास मैसेज गया। क्योंकि ट्रस्ट ने खाते में 6 लाख की लिमिट लगा रखी थी। मामले का 9 सितम्बर को खुलासा हुआ। जिममें कोतवाली अयोध्या में मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले में शामिल मुम्बई के रहने वाले प्रशांत महावल शेट्टी, विमल लल्ला, शंकर सीताराम, संजय तेजराज को गिरफ्तार किया। सभी से पूछताछ हो रही है।*
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