मुख्यमंत्री के समक्ष उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय महाविद्यालयों में नवनिर्मित संकायों में
पद सृजन, नवनिर्मित राजकीय महाविद्यालयों के संचालन, राज्य विश्वविद्यालयों में नये पाठ्यक्रमों
के संचालन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण
पद सृजन, नवनिर्मित राजकीय महाविद्यालयों के संचालन, राज्य विश्वविद्यालयों में नये पाठ्यक्रमों
के संचालन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण
राज्य सरकार प्रदेश की सम्पूर्ण शिक्षा
व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
अच्छे और कुशल मानव संसाधन सृजन में उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में
गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करायी जाए
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण संस्थाओं को आॅटोनाॅमी
के सम्बन्ध में जो प्राविधान किए गए हैं, उन्हें लागू किया जाए
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जाए
वैश्विक स्तर पर प्रचलित नये कोर्सों को अपने यहां लागू
करने के लिए विश्वविद्यालयों को अनुमति दी जाए: मुख्यमंत्री
लखनऊ: 26 दिसम्बर, 2020उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय महाविद्यालयों में नवनिर्मित संकायों में पद सृजन, नवनिर्मित राजकीय महाविद्यालयों का संचालन, राज्य विश्वविद्यालयों में नये पाठ्यक्रमों के संचालन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अच्छे और कुशल मानव संसाधन सृजन में उच्च शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध करायी जा रही शिक्षा गुणवत्तापरक होनी चाहिए।
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी को अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग ने प्रदेश में पूर्व से संचालित राजकीय महाविद्यालयों में निर्मित अतिरिक्त संकायों/कक्षाओं हेतु पदों के सृजन के औचित्य के विषय में अवगत कराया। उन्होंने नवनिर्मित 03 राजकीय महाविद्यालयों के विषय में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराते हुए कहा कि जनपद हरदोई में राजकीय कृषि महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कृषि महाविद्यालय का कार्य विशिष्ट श्रेणी होने के दृष्टिगत इसे कृषि विभाग को हस्तांतरित करने की संस्तुति की, जिस पर मुख्यमंत्री जी ने अपनी सहमति प्रदान की। उन्होंने नवनिर्मित राजकीय महाविद्यालयों के संचालन पर भी विचार करने का अनुरोध किया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी को राज्य विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं एन0ए0ए0सी0 एक्रीडिटेशन के लिए प्रयास करने के लिए इन विश्वविद्यालयों द्वारा अपने स्रोतों/संसाधनों से नये पाठ्यक्रम संचालित करने के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया। उन्होंने अनुरोध किया कि यदि कोई विश्वविद्यालय अपने स्वयं के वित्तीय स्रोतों से विश्वविद्यालय में पद सृजित करना चाहता है तो उसके लिए वित्त विभाग द्वारा सहमति प्रदान की जाए। उन्होंने नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आॅफ इण्डिया द्वारा उत्तर प्रदेश की डिजिटल लाइब्रेरी के साथ पार्टनरशिप हेतु अनुरोध के सम्बन्ध में भी मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया।
प्रस्तुतीकरण के अवलोकन के उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण संस्थाओं को आॅटोनाॅमी के सम्बन्ध में जो प्राविधान किए गए हैं, उन्हें लागू किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रचलित नये कोर्सों को अपने यहां लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों को अनुमति दी जाए।
बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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