महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में रिव्यू के आधार पर 78 में से 71 शिक्षकों को दोबारा नियुक्त किया जा चुका है। इसमें मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर पर संविदा शिक्षकों भी शामिल है। ऐसे में तीनों परिसर में अब शिक्षकों की कमी पूरी की जा चुकी है। संविदा शिक्षकों की तैनाती से पठन-पाठन का रास्ता भी साफ हो गया है। संविदा शिक्षकों ने पठन-पाठन की कमान भी संभाल ली है।

मुख्य परिसर के अलावा गंगापुर व एनटीपीसी, सोनभद्र परिसर 78 शिक्षक संविदा पर पढ़ा रहे थे। इनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिए संविदा पर की गई थी। सकी वैधता 30 जून को ही समाप्त हो गई थी। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने वाक इन इंटरव्यू के आधार पर दोबारा नियुक्ति करने का निर्णय लिया था। इससे क्षुब्ध संविदा शिक्षकों ने विद्यापीठ प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सेवा विस्तारीकरण की मांग को लेकर शिक्षकों का आंदोलन 23 दिनों तक चला था। शिक्षकों के आंदोलन को लेकर डीएम ने भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने विद्यापीठ प्रशासन से तीन दिनों के भीतर आंदोलन खत्म कराने का निर्देश दिया था। डीएम से सख्त रूख को देखते हुए विद्यापीठ प्रशासन ने शिक्षकों की रिव्यू प्रक्रिया तेज कर दी। रिव्यू होते ही शिक्षकों का आंदोलन भी टूट गया। बहरहाल रिव्यू के बाद संविदा शिक्षक खुश है। पहले उन्हें लग रहा था कि विद्यापीठ प्रशासन रिव्यू के आधार बनाकर उन्हें बाहर करने की साजिश रच रहा है लेकिन संविदा शिक्षकों की यह आशंका गलत निकली। रिव्यू में जिन सात शिक्षकों की तैनाती अब तक नहीं हुई है। उसके पीछे भी विभागीय व अन्य कारण है।


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