मिर्जापुर। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) में जिले के पीतल बर्तन उद्योग को शामिल करने से पीतल व्यापारियों में हर्ष है। उन्होंने कहा कि इस योजना में इस उद्योग के शामिल होने से लगभग 25 हजार परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।
मिर्जापुर मेटल वेलफेयर के रूपेश कुमार ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है। पिछली बार जब दरी व कालीन उद्योग को ओडीओपी में जोड़ा गया था तो इस उद्योग के उद्यमियों को काफी निराशा हुई थी। इसके लिए फिर हम लोगों ने संघर्ष शुरू किया। न्यायालय तक गए। अब इस लक्ष्य की प्राप्ति हुई है। इसके लिए जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिला। गणेश ऊमर ने कहा कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यह जरूर है कि इससे जिले को नई तकनीक मिल सकती है। मशीनों की उपलब्धता हो सकती है। जिले में इनकी सख्त जरूरत है। यदि तकनीक और मशीन मिल जाती है तो यह जिला एक बार फिर से पीतल उद्योग में सिरमौर हो सकता है। इस अवसर पर बालकृष्ण कसेरा, कमलेश कुमार, बसंतलाल ऊमर, रामकुमार कसेरा, अनुपम कसेरा शामिल रहे
मिर्जापुर मेटल वेलफेयर के रूपेश कुमार ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है। पिछली बार जब दरी व कालीन उद्योग को ओडीओपी में जोड़ा गया था तो इस उद्योग के उद्यमियों को काफी निराशा हुई थी। इसके लिए फिर हम लोगों ने संघर्ष शुरू किया। न्यायालय तक गए। अब इस लक्ष्य की प्राप्ति हुई है। इसके लिए जिला प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिला। गणेश ऊमर ने कहा कि अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यह जरूर है कि इससे जिले को नई तकनीक मिल सकती है। मशीनों की उपलब्धता हो सकती है। जिले में इनकी सख्त जरूरत है। यदि तकनीक और मशीन मिल जाती है तो यह जिला एक बार फिर से पीतल उद्योग में सिरमौर हो सकता है। इस अवसर पर बालकृष्ण कसेरा, कमलेश कुमार, बसंतलाल ऊमर, रामकुमार कसेरा, अनुपम कसेरा शामिल रहे
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