अकुशल श्रेणी के 18.10 लाख प्रवासी श्रमिकों का कौशल विकास एवं प्रमाणीकरण कर, इनको रोजगार तथा आजीविका से जोड़ा जाएगा
लखनऊः  17 दिसम्बर, 2020
       अकुशल श्रेणी के प्रवासी श्रमिकों को कौशल विकास के तहत विभिन्न योजनाओं से जोड़े जाने के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के पोर्टल पर दिये गये प्रशिक्षु नामांकन फार्म में संशोधन करते हुए ‘प्रवासी श्रमिक‘ विकल्प को जोड़ा जाय, ताकि इनकी प्रगति की निगरानी की जा सके। इस संबंध में ग्राम विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री मनोज कुमार सिंह ने अपर मुख्य सचिव, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास विभाग को पत्र लिखा है।
       अपर मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि लाॅकडाउन की अवधि में बड़ी संख्या में श्रमिक प्रदेश में वापस लौटकर आये हैं और उन्हें रोजगार से जोड़ा जाना मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता में है। लाॅकडाउन से उत्पन्न हुई आर्थिक गतिविधियों में ठहराव एवं बड़ी संख्या में वापस आए कामगारों को प्रदेश के विकास में नियोजन के लिए प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है तथा सभी संभावित क्षेत्रों में कार्य भी किया जा रहा है।
       प्रदेश में वापस आए हुए कामगारों में 34.82 लाख की स्किल मैपिंग की गयी है, ताकि इनकी योग्यता एवं स्किल के अनुसार प्रदेश के विकास में इनका योगदान लिया जा सके। लगभग 18.10 लाख प्रवासी श्रमिक अकुशल श्रेणी में पाये गए हैं, जिनके कौशल विकास एवं प्रमाणीकरण की आवश्यकता है, जिससे इनको रोजगार तथा आजीविका से जोड़ा जा सकेगा। इससे ये लोग अपनी आजीविका का प्रबंध सुचारू रूप से कर सकेंगे। इसके साथ ही कुशल प्रवासी श्रमिकों को रिकगनेशन आॅफ प्रायर लर्निंग, यू0पी0-स्कीलिंग एवं रि-स्कीलिंग जैसी योजनाओं से भी जोड़ा जा सकता है।
       अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तरीय कौशल विकास समिति द्वारा जनपद स्तर पर तैयार की जाने वाली कार्ययोजनाओं में प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष प्रशिक्षण हेतु कार्ययोजना का समावेशित करना आवश्यक है। उन्होेंने उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित किए जाने वाले रोजगार मेलों में प्रवासी श्रमिकों को भी शामिल किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। इसके अलावा ट्रेनिंग की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में प्रवासी श्रमिकों पर विशेष ध्यान दिया जाय।

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