बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में सावित्रीबाई फुले के नाम से गल्र्स हॉस्टल का निर्माण कराए जाने हेतु 177.00 लाख रुपए स्वीकृत
लखनऊ: 31 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में सावित्रीबाई फुले के नाम से गल्र्स हॉस्टल का निर्माण कराए जाने हेतु 1180.67 लाख (ग्यारह करोड़ अस्सी लाख सड़सठ हजार) रुपए की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 177.00 लाख (01 करोड़ 77 लाख) रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जरूरी आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी शासनादेश के अनुसार स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग उसी कार्य एवं मद में किया जाएगा, जिस कार्य एवं मद हेतु धनराशि स्वीकृत की जा रही है। प्रायोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की द्विरावृत्ती रोकने की दृष्टि से प्रायोजना की स्वीकृति से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह कार्य पूर्व में किसी अन्य योजना या कार्यक्रम के अंतर्गत ना तो स्वीकृत है और ना वर्तमान में किसी अन्य योजना या कार्यक्रम में आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है। प्रायोजना में प्रस्तावित कार्यों में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन जैसे नये कार्य बढ़ाना, प्रस्तावित कार्यों की मात्राओं में वृद्धि एवं अन्य उच्च विशिष्टयां इस्तेमाल करना इत्यादि शासन का अनुमोदन प्राप्त किए बिना नहीं किया जाएगा। जारी आदेश में कहा गया है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं निर्माण कार्यों की प्रगति के सतत अनुश्रवण हेतु एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा तथा समिति द्वारा किए गए अनुश्रवण एवं संस्तुतियों सहित फीडबैक शासन को प्रेषित किया जाएगा।
लखनऊ: 31 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में सावित्रीबाई फुले के नाम से गल्र्स हॉस्टल का निर्माण कराए जाने हेतु 1180.67 लाख (ग्यारह करोड़ अस्सी लाख सड़सठ हजार) रुपए की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रथम किस्त के रूप में 177.00 लाख (01 करोड़ 77 लाख) रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जरूरी आदेश जारी कर दिया गया है।
जारी शासनादेश के अनुसार स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग उसी कार्य एवं मद में किया जाएगा, जिस कार्य एवं मद हेतु धनराशि स्वीकृत की जा रही है। प्रायोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की द्विरावृत्ती रोकने की दृष्टि से प्रायोजना की स्वीकृति से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह कार्य पूर्व में किसी अन्य योजना या कार्यक्रम के अंतर्गत ना तो स्वीकृत है और ना वर्तमान में किसी अन्य योजना या कार्यक्रम में आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है। प्रायोजना में प्रस्तावित कार्यों में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन जैसे नये कार्य बढ़ाना, प्रस्तावित कार्यों की मात्राओं में वृद्धि एवं अन्य उच्च विशिष्टयां इस्तेमाल करना इत्यादि शासन का अनुमोदन प्राप्त किए बिना नहीं किया जाएगा। जारी आदेश में कहा गया है कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं निर्माण कार्यों की प्रगति के सतत अनुश्रवण हेतु एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा तथा समिति द्वारा किए गए अनुश्रवण एवं संस्तुतियों सहित फीडबैक शासन को प्रेषित किया जाएगा।
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