सिंचाई विभाग के क्षतिग्रस्त पुल व पुलियों की मरम्मत के लिए 15 मार्च, 2021 तक विशेष अभियान चलाया जाय
सिल्ट सफाई अभियान के पश्चात किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा
उपलब्ध कराई जाय
पुल-पुलियों का निरीक्षण करके सदैव उपयोग योग्य बनाये रखने का हर संभव प्रयास किया जाय
पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार
300 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत
-डाॅ0 महेन्द्र सिंह
लखनऊ: 30 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत विशेष अभियान चलाकर 15 मार्च, 2021 तक करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि मरम्मत अभियान के दौरान सभी सांसदों एवं विधायकों द्वारा दिये गये प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय के अन्दर पुल-पुलियों की मरम्मत में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जलशक्ति मंत्री मंगलवार को देर रात्रि तक सिंचाई विभाग के मुख्यालय के सभागार में नहरों के पुल-पुलियों की मरम्मत एवं सिल्ट सफाई के पश्चात् टेल तक पानी पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय अभियंताओं के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर रहे थे। उन्होंने सम्बंधित अभियंताओं को स्पष्ट रूप से सरकार की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने से आम जनता एवं किसानों के आवागमन में असुविधा हो रही है। इसलिए मरम्मत के कार्य को गम्भीरता से लिया जाय, जिससे आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की नहरों पर लगभग 70 हजार से अधिक पुल-पुलियां निर्मित हैं। विभाग की कुछ नहर प्रणालियां 150 सालों से भी अधिक पुरानी हैं। इन पर निर्मित पुल व पुलिया कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे आम जनता का आवागमन बाधित हो रहा है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए पहले से ही 300 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार पुल-पुलियों के मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का अभियान आगे भी जारी रहेगा।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए स्थानीय विधायकों/सांसदों से स्थानों के नाम व प्रस्ताव मांगे गये थे। मा0 जन प्रतिनिधियों की अपेक्षाओं को प्राथमिकता देते हुए उनके द्वारा दिये गये प्रस्तावों को भी इस अभियान में शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए इतनी बड़ी धनराशि की पहली बार व्यवस्था की गई है और प्रदेश के किसानों की सुविधा को केन्द्र में रखा गया है ताकि कृषि कार्यों हेतु नहरों पर निर्मित पुल व पुलियों का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें।
श्री सिंह ने अभियंताओं को यह भी निर्देश दिये कि मरम्मत का कार्य शुरू होने से पूर्व, कार्य के दौरान व कार्य के पश्चात् अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी तथा अभिलेखीकरण कराया जाय, जिससे मरम्मत कार्य में पारदर्शिता के साथ गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने पुल-पुलियों की रंगाई-पुताई तथा पुलों के साथ निर्मित रेगूलेटरों की भी मरम्मत किये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि नहरों के सफाई अभियान के पश्चात् टेल तक पानी पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाय, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी सुलभ हो सके।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद व मो0 शाहिद, प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं विभागाध्यक्ष श्री आर0के0 सिंह, प्रमुख अभियंता (परियोजना) श्री विनोद कुमार निरंजन, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं अनुश्रवण श्री ए0के0 सिंह तथा मुख्य अभियंता नियोजन श्री डी0के0 मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सिल्ट सफाई अभियान के पश्चात किसानों को भरपूर सिंचाई की सुविधा
उपलब्ध कराई जाय
पुल-पुलियों का निरीक्षण करके सदैव उपयोग योग्य बनाये रखने का हर संभव प्रयास किया जाय
पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार
300 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत
-डाॅ0 महेन्द्र सिंह
लखनऊ: 30 दिसम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने सिंचाई विभाग की क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत विशेष अभियान चलाकर 15 मार्च, 2021 तक करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि मरम्मत अभियान के दौरान सभी सांसदों एवं विधायकों द्वारा दिये गये प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय के अन्दर पुल-पुलियों की मरम्मत में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।
जलशक्ति मंत्री मंगलवार को देर रात्रि तक सिंचाई विभाग के मुख्यालय के सभागार में नहरों के पुल-पुलियों की मरम्मत एवं सिल्ट सफाई के पश्चात् टेल तक पानी पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय अभियंताओं के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर रहे थे। उन्होंने सम्बंधित अभियंताओं को स्पष्ट रूप से सरकार की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने से आम जनता एवं किसानों के आवागमन में असुविधा हो रही है। इसलिए मरम्मत के कार्य को गम्भीरता से लिया जाय, जिससे आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश की नहरों पर लगभग 70 हजार से अधिक पुल-पुलियां निर्मित हैं। विभाग की कुछ नहर प्रणालियां 150 सालों से भी अधिक पुरानी हैं। इन पर निर्मित पुल व पुलिया कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे आम जनता का आवागमन बाधित हो रहा है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए पहले से ही 300 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के इतिहास में पहली बार पुल-पुलियों के मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का अभियान आगे भी जारी रहेगा।
डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए स्थानीय विधायकों/सांसदों से स्थानों के नाम व प्रस्ताव मांगे गये थे। मा0 जन प्रतिनिधियों की अपेक्षाओं को प्राथमिकता देते हुए उनके द्वारा दिये गये प्रस्तावों को भी इस अभियान में शामिल किया जाय। उन्होंने कहा कि पुल-पुलियों की मरम्मत के लिए इतनी बड़ी धनराशि की पहली बार व्यवस्था की गई है और प्रदेश के किसानों की सुविधा को केन्द्र में रखा गया है ताकि कृषि कार्यों हेतु नहरों पर निर्मित पुल व पुलियों का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकें।
श्री सिंह ने अभियंताओं को यह भी निर्देश दिये कि मरम्मत का कार्य शुरू होने से पूर्व, कार्य के दौरान व कार्य के पश्चात् अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी तथा अभिलेखीकरण कराया जाय, जिससे मरम्मत कार्य में पारदर्शिता के साथ गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने पुल-पुलियों की रंगाई-पुताई तथा पुलों के साथ निर्मित रेगूलेटरों की भी मरम्मत किये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि नहरों के सफाई अभियान के पश्चात् टेल तक पानी पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाय, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी सुलभ हो सके।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद व मो0 शाहिद, प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं विभागाध्यक्ष श्री आर0के0 सिंह, प्रमुख अभियंता (परियोजना) श्री विनोद कुमार निरंजन, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं अनुश्रवण श्री ए0के0 सिंह तथा मुख्य अभियंता नियोजन श्री डी0के0 मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know