पराली जलाये जाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश न लगाने पर 08 जिला गन्ना अधिकारियों का जवाब तलब
वायु प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से गन्ने की सूखी पत्तियों को जलाने के बजाय उसको खाद बनाने के लिए गन्ना विभाग चला रहा है अभियान।
गन्ना किसानों को सूखी पत्तियों की ट्रैश मल्चिंग करने हेतु किया जा रहा है प्रेरित।
फार्म मशीनरी बैंक के माध्यम से गन्ना किसानों को रैटून मैनेजमेंट डिवाइस ;आरण्एमण्डीण्द्ध व ट्रैश मल्चर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
फसल अवशेषों को खेतों में ही खाद बनाने से उर्वरकों के प्रयोग में आयेगी कमीए किसानों को होगी अतिरिक्त आय।
लखनऊः 30 नवम्बरए 2020
प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनीए श्री संजय आरण् भूसरेड्डी ने गन्ने की सूखी पत्तियों के जलाए जाने की कतिपय घटनाओं की सूचना मिलने पर कड़ा रुख अपनाते हुए सहारनपुरए मुजफ्फरनगरए मेरठए शाहजहाँपुरए लखीमपुर खीरीए सीतापुरए कुशीनगर एवं महाराजगंज जिलों के जिला गन्ना अधिकारियों का जवाब तलब किया है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में किसानों को इस संबंध में जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैं।
आयुक्त महोदय ने प्रदेश के सभी जिला गन्ना अधिकारियोंए उप गन्ना आयुक्त एवं चीनी मिलों को कृषक गोष्ठी एवं कृषक मेलाए पम्पलेटए वॉल पेंटिंगए समाचार पत्रों एवं दूरदर्शन के माध्यम से किसानों को जागरूक करने तथा फार्म मशीनरी बैंकों के माध्यम से आरण्एमण्डीण् ट्रैश मल्चर उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। किसानों को वायु ;प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रणद्ध अधिनियमए 1981 की धारा.19ए की उप धारा.5 के अधीन शक्ति का प्रयोग करके शासन द्वारा फसल अवशेष को जलाए जाने को प्रतिबंधित किए जाने की भी जानकारी देने तथा इसको जलाने पर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी करने के प्रति सचेत करने पर भी बल दिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि विभागीय प्रयासों के फलस्वरूप गत वर्षों के सापेक्ष इस वर्ष गन्ने की सूखी पत्तियों एवं अवशेषों को जलाए जाने की घटनाओं में बहुत कमी आई है और यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो उसे रोकने के लिए विभाग पूर्णतया तत्पर है।
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