26:- "DISEASE FREE WORLD"
क्यों खतरनाक है सामान्य से ज्यादा CHOLESTEROL? 
    CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। PLAQUE जमा होने से धमनियां संकरी हो जाती हैं।ज्यादा तेल और घी से बने आहार खाने से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल।
  CHOLESTEROL एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारे शरीर में बनता है। अगर शरीर में CHOLESTEROL की मात्रा बढ़ जाती है, तो एक क्रिया होती है, जिसे ATHEROSCLEROSIS कहते हैं। इससे CHOLESTEROL धमनियों में PLAQUE के रूप में जमा होने लगता है, जिससे धमनियां संकरी हो जाती हैं। धमनियों के संकरे होने के कारण कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। खतरनाक स्तर होने पर इससे हार्ट अटैक भी हो सकता है,और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। आइए आपको बताते हैं क्यों खतरनाक होता है शरीर में CHOLESTEROL का बढ़ना।
   CHOLESTEROLबनने के तीन प्रमुख कारण हैं:-
   1) अधिक तेल युक्त आहार लेना मसलन फ्रेंच फ्राइज़, फ्राइड चिकन आदि। 
   2) POLY UNSATURATED FATTY ACID का अधिकता में सेवन करना जो कि वानस्पतिक तेल में मिलता है। 
   3)  इसके अलावा सिगरेट पीने वालों को ये समस्‍या हो सकती है।
   धमनियां हो जाती हैं सख्त:-हमारा BLOOD धमनियों (रक्तवाहिकाओं) में बहता है,और इसी के सहारे शरीर के सभी अंगों तक पहुंचता है। धमनियों के अंदरूनी हिस्से में लाइनिंग होती है, जिसे ENDOTHELIUM कहा जाता है, जो नाजुक और नर्म होती है। लेकिन CHOLESTEROL के कारण यह सख्त होने लगती हैं। सिर्फ CHOLESTEROL ही नहीं, HIGH BP या चोट लगने के कारण भी धमनियों पर बुरा असर पड़ता है।
   हार्ट अटैक का खतरा:- CHOLESTEROL बढ़ने के कारण धमनियों में जमा होने वाले PLAQUE के कारण सबसे ज्यादा खतरा HEART और BRAIN को होता है। CHOLESTEROL के कारण इन दो महत्वपूर्ण अंगों तक ठीक से खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे व्यक्ति के लिए जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। CHOLESTEROL के बढ़ने से मुख्य रूप से HEART की बीमारियों और STROKE का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द महसूस हो, बेचैनी हो या दिल बहुत जोर-जोर से धड़कने लगे, तो ये CHOLESTEROL के बढ़े होने के संकेत हो सकते हैं।
   स्ट्रोक हो सकता है:-धमनियों में PLAQUE के कारण BRAIN तक OXYGEN पहुंचने और BLOOD CIRCULATION में दिक्कतें आती हैं। नतीजतन STROKE होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। BRAIN को प्रभावित करने वाला STROKE रक्त वाहिकाओं में रुकावट या रक्त वाहिका फट जाने की वजह से हो सकता है। HIGH CHOLESTEROL के  कारण ESCHAEMIC STROKE के जोखिम बढ़ सकते हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि धमनियों में रक्त के CLOTTING न जम सकें। इसे नजरअंदाज करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता हैI इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सक से जांच करवाएं और अपना CHOLESTEROL मैनेज करें।
पाचनतंत्र भी होता है प्रभावित।
    कोलेस्ट्रोल पित्त में असंतुलन बना देता है जिससे कि पित्त में पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल डाइजेस्टिव डीजीज इन्फोर्मेशन क्लियरिंगहाउस के मुताबिक 80 फीसदी गैलस्टोन कोलेस्ट्रोल स्टोन ही होते हैं।
  पैरों की समस्याएं:-यदि कोलेस्ट्रोल बढ़ जाए तो पैरों में संवेदनशून्यता आ सकती है। जिससे हमें सहज चलने फिरने में दिक्कतें महससू होने लगती हैं। कोलेस्ट्रॉल शरीर में रक्त के प्रवाह में बाधा बनता है इसलिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर अक्सर शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंच पाता है, जिससे उस अंग में झुनझुनी या सिहरन जैसा महसूस होने लगता है। अक्सर हाथ-पैर को दबाकर लेटने या बैठने से भी नसों में रक्त का प्रवाह जब कम हो जाता है, तब भी आप ऐसी झुनझुनी या सिहरन महसूस कर सकते हैं मगर यदि ये बिना कारण हो, तो समझें आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है। अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल तुरंत चेक करवाएं।
कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ है। स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है! उच्च स्तर के कोलेस्ट्रॉल से आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ है। आपके शरीर को स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है, लेकिन उच्च स्तर के कोलेस्ट्रॉल से आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के साथ, आप अपने रक्त वाहिकाओं में वसायुक्त तह (deposits) विकसित कर सकते हैं। आखिरकार, ये तह बढ़ते हैं, जिससे आपकी धमनियों में पर्याप्त रक्त का प्रवाह मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी वे तह अचानक टूट सकते हैं और एक थक्का बना सकते हैं जो दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बनता है। 
  उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्‍या विरासत में मिल सकता है, लेकिन यह अक्सर अस्वास्थ्यकर जीवन शैली विकल्पों का परिणाम होता है, जो इसे रोकने और इलाज योग्य बनाता है। एक स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और कभी-कभी दवा उच्च कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकती है। उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या के कारण कई हैं, जैसे: खराब खानपान, मोटापा, एक्‍सरसाइज की कमी, स्‍मोकिंग, डायबिटीज और उम्र के साथ यह समस्‍या बढ़ती है। 
कोलेस्‍ट्रॉल के प्रकार :-
कोलेस्ट्रॉल आपके रक्त के माध्यम से, प्रोटीन से जुड़ा होता है। प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के इस संयोजन को लिपोप्रोटीन कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो लिपोप्रोटीन के आधार पर होता है।
   कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल): एलडीएल, या "खराब" कोलेस्ट्रॉल, आपके पूरे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के कणों को स्थानांतरित करता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों की दीवारों में बनाता है, जिससे वे कठोर और संकीर्ण हो जाते हैं।
उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल): एचडीएल, या "अच्छा" कोलेस्ट्रॉल, अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल उठाता है और इसे आपके लिवर में वापस ले जाता है।
उच्‍च कोलेस्‍ट्रॉल से होने वाली समस्‍याएं:-
उच्च कोलेस्ट्रॉल आपके धमनियों (एथेरोस्क्लेरोसिस) की दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल और अन्य तह (deposits) के खतरनाक संचय का कारण बन सकता है। ये तह आपकी धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को कम कर सकते हैं, जिससे कई तरह की जटिलताएं पैदा हो सकती हैं, 
जैसे,छाती में दर्द। यदि रक्त (कोरोनरी धमनियों) से आपके दिल की आपूर्ति करने वाली धमनियां प्रभावित होती हैं, तो आपको सीने में दर्द (एनजाइना) और कोरोनरी धमनी की बीमारी के अन्य लक्षण हो सकते हैं।
  हृदयाघात्:-- अगर प्‍लेक फट जाता है तो उसमें खून का थक्‍का जम जाता है जिससे रक्‍त का बहाव कम हो जाता है। यदि आपके दिल के हिस्से में रक्त प्रवाह रुक जाता है, तो आपको दिल का दौरा पड़ सकता है। 
  स्ट्रोक:-यह दिल के दौरे के समान होता है, स्ट्रोक तब होता है जब रक्त का थक्का आपके मस्तिष्क के हिस्से में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करता है। 
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