गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र के निर्माण के लिए रू0 5 करोड़ स्वीकृत
लखनऊ: 23 नवम्बर, 2020
वित्तीय वर्ष 2020-21 में गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र के निर्माण के लिए रू0 500 लाख की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने प्रदान कर दी है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने दी है। उन्होंने बताया कि निदेशक संस्कृति निदेशालय इस बात का ध्यान रखेंगे कि कार्यदायी संस्था के पास दो माह की आवश्यकता से अधिक धनराशि न हो। विभागाध्यक्ष कार्यालय में तैनात वित्त नियंत्रक का यह उत्तरदायित्व होगा कि धनराशि का कोषागार से आहरण दो-दो माह की आवश्यकता के अनुसार ही किया जाये। उन्होंने बताया कि प्रशासकीय विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रश्नगत कार्य किसी अन्य कार्ययोजना में सम्मिलित नहीं है तथा इसके लिए पूर्व में किसी अन्य योजना/óोत से धनराशि स्वीकृत नहीं की गयी है।
प्रमुख सचिव संस्कृति ने बताया कि स्वीकृत धनराशि का व्यय वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप किया जायेगा। अवमुक्त धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार एवं नियमानुसार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्वीकृति प्रशासकीय विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के आधार पर दी जा रही है, यदि मानक के सम्बंध में कोई सूचना गलत पायी जाती है तो इसका उत्तरदायित्व प्रशासकीय विभाग का होगा। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था से कार्य पूर्ण होने के सम्प्रेक्षित लेखें अवश्य प्राप्त किया जायेगा। प्रायोजना के निर्माण कार्य में वस्तु एवं सेवाकर (जी0एस0टी0) की धनराशि कार्यदायी संस्था को वास्तविक भुगतान के अनुसार नियमानुसार अनुमन्य होगी तथा इस सम्बंध में कार्यदायी संस्था द्वारा जी0एस0टी0 भुगतान के सम्बंध में सक्षम स्तर से प्रमाणिक प्रपत्र शासन को उपलब्ध कराया जाय।
लखनऊ: 23 नवम्बर, 2020
वित्तीय वर्ष 2020-21 में गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र के निर्माण के लिए रू0 500 लाख की स्वीकृति प्रदेश सरकार ने प्रदान कर दी है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने दी है। उन्होंने बताया कि निदेशक संस्कृति निदेशालय इस बात का ध्यान रखेंगे कि कार्यदायी संस्था के पास दो माह की आवश्यकता से अधिक धनराशि न हो। विभागाध्यक्ष कार्यालय में तैनात वित्त नियंत्रक का यह उत्तरदायित्व होगा कि धनराशि का कोषागार से आहरण दो-दो माह की आवश्यकता के अनुसार ही किया जाये। उन्होंने बताया कि प्रशासकीय विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रश्नगत कार्य किसी अन्य कार्ययोजना में सम्मिलित नहीं है तथा इसके लिए पूर्व में किसी अन्य योजना/óोत से धनराशि स्वीकृत नहीं की गयी है।
प्रमुख सचिव संस्कृति ने बताया कि स्वीकृत धनराशि का व्यय वित्तीय हस्तपुस्तिका के सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप किया जायेगा। अवमुक्त धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार एवं नियमानुसार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्वीकृति प्रशासकीय विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के आधार पर दी जा रही है, यदि मानक के सम्बंध में कोई सूचना गलत पायी जाती है तो इसका उत्तरदायित्व प्रशासकीय विभाग का होगा। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था से कार्य पूर्ण होने के सम्प्रेक्षित लेखें अवश्य प्राप्त किया जायेगा। प्रायोजना के निर्माण कार्य में वस्तु एवं सेवाकर (जी0एस0टी0) की धनराशि कार्यदायी संस्था को वास्तविक भुगतान के अनुसार नियमानुसार अनुमन्य होगी तथा इस सम्बंध में कार्यदायी संस्था द्वारा जी0एस0टी0 भुगतान के सम्बंध में सक्षम स्तर से प्रमाणिक प्रपत्र शासन को उपलब्ध कराया जाय।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know