स्पिक मैके बलरामपुर के तत्वावधान में चल रहे ऑनलाइन तीन दिवसीय शास्त्रीय गायन कार्यशाला का समापन गुरुवार को हुआ। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला में प्रतिभागियों ने जहां संगीत की बारीकियों को जाना वहीं उन्हें अपनी संस्कृति से परिचित होने का सुअवसर मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभ कलागुरु दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ रिंदाना रहस्य ने करते हुए प्रतिभागियों को राग वृन्दावनी सारंग की जानकारी दी। उन्होंने राग माण्ड पर आधारित केसरिया बालम पधारो म्हारे देश ,दादरा राग भैरवी पर आधारित हमरी अटरिया पर आदि गीतों के साथ-साथ प्रचलित कव्वालियों में ख्याल गायकी की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय संस्कृति व विरासत पर विस्तार से प्रकाश डाला ।संयोजक डॉ नीरजा शुक्ला ने कलागुरु डॉ रिंदाना ,सहयोगी बलरामपुर चीनी मिल,जी एस पाल बजाज,कौटिल्य शिक्षण संस्थान,शुभम ऑफसेट प्रेस के प्रति आभार व्यक्त किया। सहसंयोजक डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने कार्यक्रम का संचालन किया।ऑनलाइन वर्कशॉप को सफल बनाने में तकनीकी प्रभारी वालेंटियर शिवम चौहान का सराहनीय योगदान रहा।
आनन्द मिश्रा
बलरामपुर
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