ग्रामीण महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण की
 अनूठी पहल  

प्रदेश के 36 गन्ना उत्पादक जिलों में इस योजना के अन्तर्गत महिला उद्यमियों के स्वयं
सहायता समूहों को मिला प्रशिक्षण

 734 महिला स्वयं सहायता समूहों में 8108 ग्रामीण महिला उद्यमियों को सीडलिंग के
वितरण हेतु नर्सरी तैयार करने के लिए मिलेगा रोजगार

 इस योजना का उद्देश्य सिंगल बड और बड चिप की नर्सरी से नवीन गन्ना किस्मों का उत्पादन बढ़ाना है      
- संजय आर. भूसरेड्डी                                                        

लखनऊः 05 नवम्बर 2020
 प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना विकास विभाग की योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न गन्ना उत्पादक जनपदों के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण महिला उद्यमियों को स्वावलंबी बनाने के लिए गन्ने की पौध तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना में  महिलाएं ग्रामीण स्तर पर सिंगल बड और बड चिप के माध्यम से गन्ने की नर्सरी तैयार करेंगी तथा पौध की बिक्री कर आय अर्जन कर सकेंगी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों की गरीब महिलाओं को स्वावलम्बी तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे स्थानीय स्तर पर अपने आस-पास स्वरोजगार सृजित कर सकें।
इस सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश मंे नकदी फसल के रूप मंे गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है तथा गन्ना बाहुल्य क्षेत्रों मंे रोजगार की अपार सम्भावनायें विद्यमान हंै, जिसके दृष्टिगत ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने हेतु स्वयंसहायता समूह तैयार कर उन्हें सिंगल बड ंव बड चिप के द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार किये जाने हेतु प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गन्ना विकास परिषद एवं चीनी मिलों द्वारा संयुक्त रूप से ग्रामों का चयन करते हुये महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इन समूहों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के 36 जनपदों में स्थापित नर्सरियों मेें महिला उद्यमियों के स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया गया तथा इसमें 734 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया जिनके माध्यम से 8108 ग्रामीण महिला उद्यमियों को क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा।
श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया क ग्रामीण महिलाओें के किसान परिवार से जुड़े होने के कारण इस योजना में महिलाओं का रूझान बढ़ रहा है। इसके साथ ही गन्ने की नवीन किस्मों का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा।
सम्पर्क सूत्र: संध्या कुरील

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