अंबेडकर नगर ।जिले के जैतपुर थानाध्यक्ष के  लिए कोर्ट के आदेश कोई मायने नहीं रखता भुक्तभोगी द्वारा कोर्ट का शरण मे जाने के बाद कोर्ट ने 156( 3) के तहत मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू करने का आदेश जैतपुर थानाध्यक्ष को दी।जिसको अनसुना कर थानाध्यक्ष द्वारा भुक्तभोगी को लगातार दौड़ाया जा रहा है बताते चलें कि 16 जुलाई को जैतपुर थाना क्षेत्र के भिटौरा दक्षिणी  निवासी शाहजहां अपने खेत की निगरानी करने जा रही थी कि गांव के ही निवासी आसिफ एव आरिफ जिससे जमीनी विवाद चल रहा था भुक्तभोगी को अपने घर के सामने पकड़ कर मारना पीटना शुरू कर दिया। चीख को सुन भुक्तभोगी शाहजहां  की मां तबस्सुम एवं भाई नसीम पहुंचे। जिन्हें लाठी-डंडों से पीटकर आरोपियों ने जख्मी कर दिया। इस दौरान मारपीट में शाहजहां के सोने की झुमका एवं अन्य आभूषण को आरोपियों ने छीन लिया तथा शाहजहां की माता तबस्सुम का हाथ तोड़ दिया। जिसको लेकर शाहजहां ने जैतपुर थाने में प्रार्थना पत्र दिया जहां पर न्याय की उम्मीद न देखती हुई पुलिस अधीक्षक के यहां न्याय की गुहार लगाई वहां से भी न्याय की उम्मीद न देख भुक्तभोगी शाहजहां ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने जैतपुर थानाध्यक्ष को मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू करने का आदेश दिया। थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मुकदमा नहीं पंजीकृत किया। और वही जब इस संदर्भ में थाना अध्यक्ष से संपर्क नहीं हो सका

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