कुछ दिन में दीपावली आने वाली है। जिसके चलते हर कोई दिवाली की शोपिंग में बीजी हो गए हैं। बस कुछ दिनों में गिफ्ट लेने और देने का सिलसिला शुरू होने वाला है। ऐसे में आपको गिफ्ट टैक्स के बारे में बेसिक जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि ऐसा नहीं होने की परिस्थिति में आपकी टैक्स देनदारी अधिक हो सकती है या आप पर टैक्स चोरी का आरोप लग सकता है। 


खबर के मुताबक केंद्र सरकार ने अप्रैल 1958 में गिफ्ट टैक्स एक्ट बनाया था। जिसमें तहत कुछ खास परिस्थितियों में उपहारों पर टैक्स लेने का चलन शुरू किया गया था। हालांकि इसे अक्टूबर 1998 में खत्म कर दिया गया, लेकिन इसे एक बार फिर से केंद्र सरकार ने 2004 में इनकम टैक्स प्रॉविजंस में शामिल कर दिया। वहीं 2017-18 में जारी आईटीआर नोटिफिकेशन में टैक्सपेयर्स को मिले उपहारों का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया गया था। दिवाली पर मिलने वाले गिफ्ट पर देना पड़ सकता है TAX, जानिए क्या है नियम |  Zee Business Hindi बता दें कि अगर आपको किसी दोस्त या अनजान व्यक्ति की ओर से एक वित्त वर्ष में 50 हजार रुपये की नगदी गिफ्ट के तौर पर मिलती है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अगर उपहार में दी गई नगदी 50 हजार की लिमिट से ऊपर की हुई तो आपको पूरी राशि पर अन्य स्रोत से हुई आय के रूप में टैक्स चुकाना पड़ेगा। वहीं परिवार के सदस्य और किसी रिश्तेदार की ओर से मिलने वाले गिफ्ट में 50 हजार रुपये की सीमा लागू नहीं होती है। साथ ही विवाह समारोह और वसीयत के तौर पर मिलने वाले गिफ्ट पर भी कोई टैक्स नहीं लगता। यदि आपको किसी की ओर से गिफ्ट के तौर पर प्रॉपर्टी मिलती है, तो उस पर टैक्स की गणना सर्किल रेट (यानी की स्टांप ड्यूटी) के आधार पर की जाती है।

हिन्दीसंवाद के लिए श्री शुभम गुप्ता की रिपोर्ट

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने