उतरौला (बलरामपुर) क्षेत्र में ग्यारहवीं शरीफ़ का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस मौके पर सुन्नी जमात के मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर मुर्गे की खरीदारी की और गौसे आज़म के नाम पर नज्र नियाज़ दिलाया गया।
        ग्यारहवीं शरीफ़ त्यौहार पर उतरौला नगर सहित ग्रामीण इलाकों के महुआ बाजार, हासिमपारा,गैडास बुजुर्ग, हुसेनाबाद,पेहर बाजार,महदेइया, जाफराबाद,चमरूपुर, श्रीदत्तगंज,कपौव्वा शेरपुर आदि स्थानों पर मुर्गे की दुकानों पर सुबह से ही भारी संख्या लोग खरीदारी करते देखे गए त्यौहार के कारण मुर्गों के दामों में काफी वृद्धि देखी गई एक एक मुर्गे की कीमत हजार पन्द्रह रुपए तक महंगे दामों पर बिके। ग्यारहवीं शरीफ़ को लेकर ऐसी मान्यता है कि गौसे आज़म (अब्दुल कादिर जीलानी) रहमतुल्लाह अलैहि के नाम पर नज्र नियाज़ दिलाये जाने से हर जायज़ तमन्ना पूरी होती है।इस त्यौहार पर बहुत से लोग लंगर ख्वानी का भी एहतमाम करते हैं जिसमें बड़े पैमाने पर ग़रीब, मजलूम, असहायों को भोजन कराते हैं।

असगर अली 
उतरौला 

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