ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और कुछ अराजक तत्वों ने गांव की महिला से छेड़खानी की और कई लोगों को पकड़कर कोतवाली ले आए हैं। गांव की महिलाओं ने इसी के विरोध में कोतवाली का घेराव किया और घंटों जमकर हंगामा किया।
मौके पर पहुंचे दलित चिंतक सुरेश पांडेय ने बताया कि 25 साल पहले गांव में ही अंबेडकर की मूर्ति लगाई गई थी। गांव वाले मूर्ति के ऊपर छतरी बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि नई मूर्ति लगाने के लिए इजाजत लेने की जरूरत होती है लेकिन छतरी के लिए इजाजत की जरूरत नहीं होती।
गांव में प्रधानी की राजनीति को लेकर मूर्ति के बहाने इस तरह की कार्रवाई कराई गई है। इस मामले में लेखपाल की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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