यू पी सफलता की कहानी


*प्रदेश सरकार  राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह गठित कराकर विभिन्न उद्यमों के माध्यम से महिलाओं को बना रही है आत्मनिर्भर*

*समूहों की लाखों महिला सदस्यों की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत*

*कृृषि, डेयरी, सौर ऊर्जा, उद्योग, परिवहन, सिलाई, मशीनरी व विभिन्न कुटीर उद्यमों से जुड़कर महिलाएं हुई स्वावलम्बित*
दिनांक 24 नवम्बर, 2020
महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनायें एवं कार्यक्रम संचालित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिस तरह एक महिला के शिक्षित होने पर दो परिवार शिक्षित होते हेैं, उसी प्रकार एक महिला के आर्थिक रूप से मजबूत होने पर पूरे परिवार को आर्थिक सम्बल मिलता है। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, उनमें उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमुख है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि  राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 371777 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए उन्हें 15945 ग्राम संगठनों  एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। अब तक कुल 241732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 141709 समूहों को सामुदायिक  निवेश निधि एवं 116133 समूहों को बैंक क्रेडिट  लिंकेज द्वारा आच्छादित किया जा चुका है।  प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ  जी द्वारा मई 2020 मंे इस वर्ष के 31938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रूपये की धनराशि का आनलाइन ट्रांसफर किया गया।  प्रदेश सरकार का ध्येय है कि प्रदेश के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय संगठनों में संगठित कर आर्थिक विकास किया जाये।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा ग्रामीण परिवेश की महिलाओं  के जीविकोपार्जन हेतु विभिन्न कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे हैं।
महिला किसान सशक्तीकरण परियोजनाः- के अन्तर्गत प्रदेश के महिला किसानों के सतत् कृषि पद्धति एवं गुणात्मक पशुपालन हेतु प्रशिक्षण दिलाते हुए क्षमता विकास किया गया है। 22 जनपदों के 25 विकासखण्डों में 107814 महिला किसानों को खेती पशुपालन का प्रशिक्षण दिलाते हुए आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया गया है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में डेयरी वैल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रृंखला)ः-बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने हेतु महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है। बुन्देलखण्ड के इन्टेन्सिव जनपदों के 600 ग्रामों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के अन्तर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48000 महिलाओं को ‘बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ वैल्यू चैन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जा रहा है। अब तक 7000 से अधिक समूहोें की महिला सदस्यों के साथ कार्य किया जा रहा है, 21 हजार किग्रा0 दुग्ध का संग्रह प्रतिदिन बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। इससे महिला समूहों का आर्थिक लाभ हो रहा है।
बिजनेस कारेस्पान्डेंस सखी:- ग्रामीण क्षेत्र  में घर के दरवाजे पर वित्तीय समावेशन गतिविधि के माध्यम से वित्तीय लेन-देन एवं विभिन्न योजनाओं से ग्रामवासियों को लाभान्वित करने एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से पदस्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अन्तर्गत 231079 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं।
स्टार्टअप विलेज इंटर प्रोन्योरशिप प्रोग्रामः- इस विशेष परियोजना को मिशन द्वारा ई.डी.आई. अहमदाबाद एवं कुटुम्बश्री केरल की साझेदारी से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के 09 जनपदों के 09 विकास खण्डों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उद्यमिता हेतु  वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक इस कार्यक्रम में 5377 से अधिक महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
समूहों के 70 लाख सौर ऊर्जा कार्यक्रमः- यह कार्यक्रम नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं उ0प्र0 राज्य ग्रामीण मंत्रालय आई.आई.टी. मुम्बई एवं एनर्जी एफिशियन्सी सर्विस लि0 द्वारा उत्तरप्रदेश राज्य में संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के 30 जनपदों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 34 लाख सोलर कैम्पस का निर्माण कराकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कार्य से समूहों की महिलाओं को लगभग 10 करोड़ रूपये की आय होगी। एक हजार से अधिक समूहों की महिलाओं को लैम्प बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान में 27.99 लाख सोलर  स्टडी लैम्प बनाकर  दिया जा चुका और  07 करोड़ की आय हो चुकी है। जिसमें 4000 से अधिक परिवार इससे लाभान्वित हो चुके हैं।
आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना:- इस योजना का मुख्य उद्देश्य  स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका प्रदान करना है। इसके तहत पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवायें परिचालित करने की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था है। इसमें ई-रिक्शा, तीन और चार पहिया मोटर चालित परिवहन वाहनों को सुरक्षित और सस्ती सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सुविधायें उपलब्ध हो ताकि दूर-दराज के गांवों को बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मुख्य सेवाओं और सुविधा से जोड़ा जा सके। इस योजनान्तर्गत सामुदायिक आधार संगठन (सीबीओ) द्वारा अपने स्वयं के कोष से स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को वाहन खरीदनंे के लिए ब्याज रहित ऋण प्रदान किया जाता है। प्रदेश में यह योजना 25 जिलों  के 53  विकास खण्डों  में छोटे वाहन के माध्यम से दूर-दराज  के ग्रामों को ब्लाक मुख्यालय एवं कस्बों से जोड़ने  हेतु 220 वाहन संचालित हैं। इस योजना के अन्तर्गत महिला समूहों की मासिक औसत आय 4660 से बढ़कर 13525 हो गयी है। उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने पर उ0प्र0 को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है।

वंचित समुदाय की महिलाओं हेतु विशेष प्रयासः- प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार वंचित समुदाय की महिलाओं को समूहों के माध्यम से जोड़कर  उनका आर्थिक विकास कर रही है। 19 जनपदों के 2843 ग्राम पंचायतों में 839 विशिष्ट मुसहर समूह का गठन कर 451 महिला समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 214 समूहों को सी.आई.एफ. वितरित किया गया। वनटंगिया समुदाय के 280 समूह, बावरिया समुदाय के 236 समूह थारू जनजाति के 371 समूहों का गठन करते हुए रिवाल्विंग  फण्ड  आदि देते हुए हजारों महिलाओं को रोजगार से लगाते हुए उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की गयी है।
महिला समूहों के माध्यम से स्कूल यूनीफार्म सिलाई कराकर प्रदेश सरकार समूहों की महिलाओं को आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ा रही है। बेसिक शिक्षा सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा विद्यालयों के छात्र/छात्राओं की यूनीफार्म सिलाई करायी गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 893020 स्कूल यूनीफार्म वर्ष 2019-20 में 2893672 एवं वर्ष 2020-21 में एक करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 4523850 यूनीफार्म की सिलाई की गयी। इससे समूहों की महिलाओं को आर्थिक लाभ हुआ है।
फार्म मशीनरी बैंकः- फार्म मशीनरी बैंक  कृषि विभाग की एक महत्वाकांक्षी योजना है । इस योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण निर्धन समूहों को कृषि उपयोगी यंत्र क्रय किये जाने हेतु सब्सिडी उपलब्ध करायी जाती है। उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कृषि विभाग की फार्म  मशीनरी  बैंक योजना  से जोड़ा जा रहा है। अब तक प्रदेश में 132 फार्म  मशीनरी बैंक की स्थापना की जा चुकी है।
प्रदेश सरकार आजीविका सम्बन्धी समूहों के लिए विकास खण्ड  कार्यालयों में प्रेरणा कैण्टीन खोलकर, कैण्टीन चलाकर धनार्जन  करने का भी कार्य किया जा रहा है। वर्तमान मेें 439 से ज्यादा कैण्टीन स्वयं सहायता समूहों द्वारा चलाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना एक जनपद एक उत्पाद में भी समूहों के जोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 के साथ अभिसरण के माध्यम से आजीविका संवर्धन एवं महिलाओं की आय सृजन हेतु  मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा एवं दूरगामी मार्गदर्शन के फलस्वरूप प्रदेश के सभी 75 जनपदों में विद्युत बिलों के कलेक्शन का कार्य स्वयं सहायता समूहों से कराया जा रहा है। प्रारम्भिक चरण मेें 3714 समूहों द्वारा एजेण्ट के रूप मेें कार्य किया जा रहा है।
मनरेगा के अन्तर्गत समूह की महिलाओं के माध्यम से सी.आई.बी. बोर्ड  का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 13.49 करोड़ रूपये मूल्य के 36822 सी.आई.बी.बोर्ड बनाने का आर्डर समूहों को दिया गया है। प्रदेश मेें पशुपालन विभाग व अन्य विभागीय  योजनाओं से अभिसरण के माध्यम से 31146 महिलाओं को मुर्गीपालन आदि से लाभान्वित किया गया है। राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत समूहों द्वारा स्वास्थ्य, पोषण, आदि गतिविधियों पर भी कार्य किया जा रहा है।  
जिला सूचना कार्यालय, बलरामपुर द्वारा जनहित में जारी।

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