उदित राज , दरियाबाद (बाराबंकी)
शादी-विवाह, तिलकोत्सव में लोगों को मधुर गीतों पर झुमाकर खुशियां लुटाने वाले डीजे वाले बाबू की खुशी एक बार फिर छिन गई है। कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव के कारण जारी नई गाइडलाइन ने डीजे वाले बाबू का 'बैंड' बजा दिया है। साथ ही बैंड पर बैन ने कारोबार को तगड़ा झटका दिया। बैंड और डीजे के व्यवसाय कर परिवार का रोजी रोटी चलाने वाले लोगों को सहालग के अंतिम दौर में भी निराशा हाथ लगी है।
दरियाबाद में कई लोग डीजे और बैंड का कारोबार जीविकोपार्जन के लिए करते हैं। शादी विवाह से लेकर तिलकोत्सव और मुंडन आदि कार्यक्रमों में डीजे और बैंड बजाकर जश्न मनवाते हैं, लेकिन कोविड-19 की मार पूरे साल की सहालग पर पड़ने से इनका व्यवसाय चौपट हो गया है। मार्च से लेकर अक्टूबर तक तो कोई बुकिग नहीं हुई। इधर, नवंबर से दिसंबर तक की सहालग में डीजे और बैंड की बुकिग जमकर रही। 25 नवंबर से शुरू होने वाली सहालग में डीजे-बैंड का काम करने वाले लोगों को अनुमान था कि इस सहालग में कुछ बहुत खर्च निकल पाएगा, पर उम्मीद को शासनादेश ने झटका लगा दिया। जेठौती कुर्मियान के दिलीप कुमार डीजे का काम करते हैं। मोबाइल डीजे है। मार्च में टली शादियों में इस बार फिर बुकिग थी, पर नए नियम के आने से व्यवसाय चौपट होने का अंदेशा है। घर चलाना इस बार मुश्किल हो रहा है। डीजे संचालक अजीत बताते हैं कि एक मात्र यही व्यवसाय है। 25 नवंबर से सात दिसंबर तक लगातार डीजे की बुकिग है, पर नए नियम के तहत अब फिर झटका लग गया है। जब डीजे बजेगा नहीं, तो पार्टी भुगतान नहीं करेगी। इससे समस्या बढ़ गई है। यही हाल नूरी डीजे के संचालक अब्दुल माबूद का है। उन्होंने बताया कि डीजे पर बैन से मुसीबत बढ़ गई है। अब डीजे न बैंड बज पाएगा। पूरा साल खराब हो गया।
------------ नई गाइडलाइन में डीजे और बैंड पर बैन किया गया है। 100 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति कोविड प्रोटोकॉल के तहत दी गई है। इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-सुमित श्रीवास्तव, प्रभारी निरीक्षक, दरियाबाद।
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