अंबेडकरनगर। पुत्र की दीर्घायु के लिए मनाए जाने वाले छठ पर्व का उल्लास गुरुवार को हर ओर दिखा। खरना परंपरा के तहत महिलाओं ने रोटी पर देसी घी लगाकर खीर के साथ खाया। साथ ही गंगा स्नान कर विशेष पूजन अर्चन किया। निर्जला व्रत रखकर शुक्रवार शाम डूबते सूरज व शनिवार सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद विशेष पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। इस बीच पर्व के उल्लास में किसी प्रकार की कमी न रह जाए, इसके लिए गुरुवार को व्रत रखने वाली महिलाओं ने बाजारों में पहुंचकर पर्व से संबंधित सामग्री की खरीदारी की। उधर, अर्घ्य देने के दौरान महिलाओं को किसी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए संबंधित घाटों पर जरूरी व्यवस्थाएं करने का कार्य तेज हो गया है।बीते कुछ वर्षों से जिले में छठ पर्व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पूर्व में यह पर्व नगरीय क्षेत्रों तक ही सीमित था, लेकिन बीते कुछ वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में भी उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। एक दिन पहले नहाय-खाय परंपरा के साथ शुरू हुए छठ पर्व के दूसरे दिन गुरुवार को खरना परंपरा का निर्वहन महिलाओं ने किया। पुत्र की दीर्घायु के लिए मनाए जाने वाले छठ पर्व के दूसरे दिन गुरुवार को दोपहर बाद निर्जला व्रत रखने वाली महिलाओं ने रोटी पर देसी घी लगाकर उसे खीर के साथ खाया।
साथ ही गंगा स्नान कर विशेष पूजन अर्चन किया। खरना परंपरा के निर्वहन के दौरान जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में जबरदस्त उत्साह का माहौल दिखा। अकबरपुर में परिवार के साथ रह रहे बिहार निवासी लल्लन यादव ने बताया कि गुरुवार मध्यरात्रि के बाद विशेष नहान के बाद महिलाएं निर्जला व्रत रखेंगी। शुक्रवार शाम संबंधित घाटों पर पहुंचकर डूबते सूरज को अर्घ्य देंगी। इसके बाद शनिवार सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर विशेष पूजन-अर्चन के बाद व्रत का पारण करेंगी।
इस बीच अर्घ्य देने के दौरान महिलाओं को किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए अकबरपुर नगर के गायत्री मंदिर के निकट तमसा घाट पर सफाई व प्रकाश की समुचित व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके अलावा श्रवणक्षेत्र घाट, महादेवा घाट, राजघाट समेत अन्य घाटों पर भी तैयारियां तेज हो गई हैं। उधर, पर्व के उल्लास में किसी प्रकार की कमी न रह जाए, इसके लिए महिलाओं ने बाजारों में पहुंचकर पर्व से संबंधित सामग्रियों की खरीदारी की। शकरकंद, सिंघाड़ा के अलावा सेब, केला आदि की जहां खरीदारी की गई, वहीं कपड़ा, आभूषण व श्रृंगार के सामान की भी खरीदारी की गई।
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