शिक़ायत नई नई है
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मौन हैं हम ,मौन हो तुम भी
चलो ज़रा सी शरारत  करले
ज़रा   तुम   भी    बोलों ,
ज़रा   बोले    हम   भी,
जो अभी शिकायत नई नई है!

बन्द अधर हैं, झुकी है नजरे 
दिलो में रंगत नई नई है
अभी झिझक है ,बातों में 
अभी ये चाहत नई नई है!

अभी न आएगी नींद तुमको
अभी तुमको सुकून मिलेगा,
अभी तो धड़केगा,दिल ज्यादा
अभी ये खुशबू नई नई है!

सुहाना आज  दिन है पहला 
चलो गगन में टहल के आए,
हर तरफ ये  ख़ुशी  हुई  है
चमन में बरकत नई नई है!
 
हसीं है लम्हे ,सजी फ़िज़ाएँ
गुलों में शबनम नई  नई  है,
अभी तो हम दोनों हैं अजनबी
अभी तो  अपने बने  नही  है!

बन्द होंठ है ,शरारती नज़रे
अभी नज़ाकत नई नई  है,
अभी तो यादो में बसे तो तुम
अभी हक़ीक़त हुई  नही  है!

अभी जो सांसो में बस गए हो
ज़माने से  हो  दूर  लेकिन,
अभी है दिल में चैन ज़रा सा
अभी  बेताबी  नई  नई है!.
प्रियंका द्विवेदी
मंझनपुर कौशाम्बी

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