अंबेडकरनगर। जिले की 35 ग्राम पंचायतों के सचिवों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। कोरोना आपदा के दौरान शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायतों द्वारा ऑक्सीमीटर खरीद में बरती गई धांधली के मामले में डीएम राकेश कुमार मिश्र के निर्देश पर डीपीआरओ ने नोटिस जारी किया है। स्पष्टीकरण में कहा गया कि यदि निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। नोटिस जारी होने से संबंधित सचिवों में हड़कंप मच गया है। उधर, जिन ग्राम पंचायतों ने अब तक प्रिया सॉफ्ट पर अपलोड नहीं किया है उनके भुगतान पर शासन ने रोक लगा दी है।कोरोना आपदा के दौरान ऑक्सीमीटर खरीद में धांधली की जांच अब जिले में तेज हो गई है। गौरतलब है कि कोरोना आपदा के दौरान शासन ने पंचायतीराज कार्यालय के माध्यम से ग्राम पंचायतों में ऑक्सीमीटर खरीदने का निर्देश दिया था। शासन के निर्देश पर संबंधित पंचायतों द्वारा ऑक्सीमीटर की खरीद की गई। ऑक्सीमीटर की खरीद के संबंध में जब संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा प्रिया सॉफ्ट पर खरीद का डिटेल अपलोड किया गया तो ऑक्सीमीटर खरीद में बड़ी धांधली बरतने का मामला प्रकाश में आय्रा।इसमें पाया गया कि जो ऑक्सीमीटर बाजार में ढाई हजार से तीन हजार में बिक रहा है तो कुछ ग्राम पंचायतों द्वारा 9300 रुपये तो ज्यादातर ग्राम पंचायतों द्वारा 7200 रुपये में खरीदा गया। इस प्रकार की धांधली का मामला सिर्फ अंबेडकरनगर जनपद ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश में सामने आया। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया।इसी मामले में अब शासन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन ग्राम पंचायतों में धांधली का मामला प्रकाश में आया है, उनके ग्राम पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाए। इस पर जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के निर्देश पर डीपीआरओ कार्यालय ने संबंधित को नोटिस जारी किया है। डीपीआरओ कार्यालय की वरिष्ठ लिपिक रीता ने बताया कि 35 ग्राम पंचायत के सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो कार्रवाई की जाएगी।
निर्धारित दाम से अधिक रेट पर ऑक्सीमीटर खरीदने वाली 35 ग्राम पंचायतों के सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। करीब 200 ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जिन्होंने खरीद का डिटेल प्रिया सॉफ्ट पर अपलोड नहीं किया है। शासन के निर्देश पर ऐसी ग्राम पंचायतों का भुगतान रोक दिया गया है।

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