अंबेडकर नगर
 बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के नियमों में बदलाव किया गया है। अभी तक स्वयंसेवी सस्थाओं को ही प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की अनुमति थी लेकिन शासन द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार अब यह बाध्यता खत्म कर दी गई है। जिससे गांव हो या शहर कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर प्रदूषण जांच केंद्र खोल सकेगा। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। 
 इसके लिए विभाग ने इच्छुक लोगों को प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का ऑफर दिया। इस संबंध में विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए इच्छुक लोग संभागीय परिवहन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
पर्यावरण पर प्रदूषण के बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए अब जिले के प्रत्येक थाना क्षेत्र में कम से कम एक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का निर्देश दिया गया है।
उप संभागीय परिवहन अधिकारी बीडी मिश्रा  के अनुसार शासन ने व्यवस्था को सरल बनाते हुए प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए एनजीओ की बाध्यता समाप्त कर दी है। मोटर एक्ट के तहत बीएस 2, 3, 4 व 6 वाहनों के पंजीयन तिथि के एक साल बाद निर्धारित समय सीमा पर प्रदूषण जांच कराना अनिवार्य होता है। बीएस-2 और बीएस-3 वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्रों की वैधता छह माह तथा बीएस-4 और बीएस-6 वाहनों के प्रमाण पत्रों की वैधता एक वर्ष के लिए होती है, लेकिन वाहन स्वामी प्रदूषण जांच कराने को लेकर उदासीन रहते हैं। जांच में पकड़े जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। एआरटीओ के अनुसार शहर में कुछ प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं, लेकिन नई व्यवस्था के तहत कस्बों और गांवों में भी प्रदूषण जांच केंद्र खुल जाएंगे। प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को शहर में नहीं आना पड़ेगा। 
कई बार लोगों को जानकारी न होने पर प्रदूषण जांच के नाम अधिक रूपये चुकाने पड़ते हैं। उप संभागीय परिवहन अधिकारी बीडी मिश्रा ने बताया कि प्रदूषण जांच के लिए मूल्य निर्धारित हैं अगर कोई केंद्र अधिक मूल्य पर जांच कर रहा है तो सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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