जन्म-मृत्यु पंजीकरण और इसके सीआरएस पोर्टल पर अंकन का कार्य गंभीरता से किया जाय
सभी संबंधित विभाग परिणामदायी कार्य करें
प्रत्येक शिशु के जन्म पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित करें
निजी चिकित्सालयों द्वारा जन्म-मृत्यु के विवरण का सीआरएस पोर्टल पर अंकन अनिवार्य किया जाए
-प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आलोक कुमार
जन्म-मृत्यु पंजीकरण कार्य को एकीकृत किए जाने हेतु प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने ली अंतर्विभागीय बैठक
लखनऊ, दिनांक 11 नवम्बर 2020
प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आलोक कुमार ने आज कहा कि संबंधित विभाग जन्म-मृत्यु पंजीकरण के कार्य को गंभीरता से लेकर परिणामदायी कार्य करें। उन्होंने कहा जन्म लेने वाले प्रत्येक शिशु का पंजीकरण आवश्यक है, इसलिए प्रत्येक शिशु के जन्म पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित करें। प्रमुख सचिव आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन के भूतल स्थित सभाकक्ष में जन्म-मृत्यू पंजीकरण कार्य को एकीकृत किए जाने हेतु विविध सहयोगी विभागों के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
बैठक में प्रमुख सचिव ने पूर्व में सम्पन्न बैठक के प्रस्तावों पर यथेष्ट प्रगति न होने तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्यों की भौतिक प्रगति का विवरण न दे पाने पर गहरा असन्तोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह एक महत्वपूर्ण कार्य है और विभागों द्वारा रूचि न लेने से कार्य में भौतिक प्रगति नहीं हो रही है। उन्होंने पंचायतीराज विभाग की अरूचि पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पन्द्रह दिन में कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत कर भौतिक स्तर पर कार्य करने को कहा।
बैठक में प्रमुख सचिव ने ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में तथा निजी चिकितसालयों में हो रहे जन्मों के अंकन को लेकर विशेष कार्य प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा प्रत्येक निजी चिकितसालय द्वारा सीआरएस पोर्टल पर जन्म-मृत्यु का विवरण अंकन आवश्यक कर दिया जाए। इसके लिए निजी चिकित्सालयों के साथ प्रदेश स्तर पर वीडियो कांफ्रेसिंग कर उन्हें प्रशिक्षित कर दिया जए।
बैठक में महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 देवेन्द्र नेगी सहित, पंचायतीराज, नगर विकास, एन.एच.एम., चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, यूनीसेफ तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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