उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा सिविल सेवा का निःशुल्क प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र की समाप्ति के पश्चात द्वितीय सत्र का प्रारम्भ नवम्बर माह के तृतीय सप्ताह से प्रारम्भ होगा।
लखनऊ 10 नवम्बर 2020
संस्कृत साहित्य की सहभागिता और संस्कृत साहित्य को रोजगार उन्मुख बनाने के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 10 माह का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सिविल सेवा के प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी चरणबद्ध तरीके से करायी जाती है। ऐसे विद्यार्थी जिनका मुख्य परीक्षा हेतु ऐच्छिक विषय संस्कृत साहित्य हो और 21 से 35 आयु वर्ग के देश-प्रदेश के सभी विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। प्रशिक्षण के अन्तर्गत 3,000/- रूपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी दी जाती है।
यह जानकारी आज संस्कृत संस्थानम के निदेशक श्री पवन कुमार जी ने दी। उन्होंनें बताया कि संस्थान का प्रथम सत्र समाप्त हो रहा है और द्वितीय सत्र हेतु वस्तुनिष्ठ प्रवेश परीक्षा के उपरान्त कुल 113 विद्यार्थियों को साक्षात्कार हेतु गत 09 एवं 10 नवम्बर, 2020 को प्रातः 11 बजे से सायं 5ः00 बजे तक साक्षात्कार आयोजित किया गया, जिसमें कुल 95 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया। साक्षात्कारकर्ता की भूमिका में संस्कृत विषय के विद्वान प्रो. पंकज मिश्रा, सेंट स्टीफन्स काॅलेज दिल्ली (दिल्ली विश्वविद्यालय) और संस्कृत साहित्य से राज्य सिविल सेवा में सेवारत् डाॅ. कविता श्रीवास्तव तथा सामान्य अध्ययन विषय विशेषज्ञ के रूप में डाॅ. ए. पी. सिंह (एनएलयू), श्री अजीम अंसारी, डाॅ. जय प्रकाश वर्मा, डाॅ. महेन्द्र पाठक, श्री बी. के. सिंह, डाॅ. सारिका, श्री प्रदीप श्रीवास्तव आमंत्रित किये गये हैं। साक्षात्कार हेतु दो पैनल बनाये गये हैं, जिसमें संस्कृत और सामान्य विषयों की अलग-अलग टीम होगी।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के निदेशक ने बताया कि साक्षात्कार में देश और प्रदेश के कला वर्ग के साथ-साथ विज्ञान, यांत्रिकी क्षेत्र के जुडे़ हुए विद्यार्थियों ने संस्कृत साहित्य के अध्ययन के लिए रूचि दिखायी है। उन्होंने बताया कि इस योजना को लखनऊ केन्द्र के साथ-साथ प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली, आगरा और झाँसी में इसका विस्तार करने की योजना है।
कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. शीलवंत सिंह जी ने बताया कि कार्यक्रम का प्रथम सत्र समाप्त हो रहा है और द्वितीय सत्र की शुरूवात माह नवम्बर, 2020 के तृतीय सप्ताह से प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। यह प्रारम्भिक सह-मुख्य परीक्षा का बैच होगा।
साक्षात्कार के दौरान उपस्थित संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार की विशिष्ट योजनाओं में से संस्कृत संवर्धन के साथ समाज के सभी समुदायों, वर्गों को एकत्रित कर लाभ पहंुचाने की सरकार की अनूठी पहल है। संस्कृत साहित्य लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अधिक से अधिक सहभागिता हेतु इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किये जा रहे हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र की समाप्ति के पश्चात द्वितीय सत्र का प्रारम्भ नवम्बर माह के तृतीय सप्ताह से प्रारम्भ होगा।
लखनऊ 10 नवम्बर 2020
संस्कृत साहित्य की सहभागिता और संस्कृत साहित्य को रोजगार उन्मुख बनाने के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् द्वारा संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 10 माह का निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सिविल सेवा के प्रारम्भिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी चरणबद्ध तरीके से करायी जाती है। ऐसे विद्यार्थी जिनका मुख्य परीक्षा हेतु ऐच्छिक विषय संस्कृत साहित्य हो और 21 से 35 आयु वर्ग के देश-प्रदेश के सभी विद्यार्थी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। प्रशिक्षण के अन्तर्गत 3,000/- रूपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी दी जाती है।
यह जानकारी आज संस्कृत संस्थानम के निदेशक श्री पवन कुमार जी ने दी। उन्होंनें बताया कि संस्थान का प्रथम सत्र समाप्त हो रहा है और द्वितीय सत्र हेतु वस्तुनिष्ठ प्रवेश परीक्षा के उपरान्त कुल 113 विद्यार्थियों को साक्षात्कार हेतु गत 09 एवं 10 नवम्बर, 2020 को प्रातः 11 बजे से सायं 5ः00 बजे तक साक्षात्कार आयोजित किया गया, जिसमें कुल 95 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया। साक्षात्कारकर्ता की भूमिका में संस्कृत विषय के विद्वान प्रो. पंकज मिश्रा, सेंट स्टीफन्स काॅलेज दिल्ली (दिल्ली विश्वविद्यालय) और संस्कृत साहित्य से राज्य सिविल सेवा में सेवारत् डाॅ. कविता श्रीवास्तव तथा सामान्य अध्ययन विषय विशेषज्ञ के रूप में डाॅ. ए. पी. सिंह (एनएलयू), श्री अजीम अंसारी, डाॅ. जय प्रकाश वर्मा, डाॅ. महेन्द्र पाठक, श्री बी. के. सिंह, डाॅ. सारिका, श्री प्रदीप श्रीवास्तव आमंत्रित किये गये हैं। साक्षात्कार हेतु दो पैनल बनाये गये हैं, जिसमें संस्कृत और सामान्य विषयों की अलग-अलग टीम होगी।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम् के निदेशक ने बताया कि साक्षात्कार में देश और प्रदेश के कला वर्ग के साथ-साथ विज्ञान, यांत्रिकी क्षेत्र के जुडे़ हुए विद्यार्थियों ने संस्कृत साहित्य के अध्ययन के लिए रूचि दिखायी है। उन्होंने बताया कि इस योजना को लखनऊ केन्द्र के साथ-साथ प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, बरेली, आगरा और झाँसी में इसका विस्तार करने की योजना है।
कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. शीलवंत सिंह जी ने बताया कि कार्यक्रम का प्रथम सत्र समाप्त हो रहा है और द्वितीय सत्र की शुरूवात माह नवम्बर, 2020 के तृतीय सप्ताह से प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ होगा। यह प्रारम्भिक सह-मुख्य परीक्षा का बैच होगा।
साक्षात्कार के दौरान उपस्थित संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि प्रदेश सरकार की विशिष्ट योजनाओं में से संस्कृत संवर्धन के साथ समाज के सभी समुदायों, वर्गों को एकत्रित कर लाभ पहंुचाने की सरकार की अनूठी पहल है। संस्कृत साहित्य लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में अधिक से अधिक सहभागिता हेतु इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किये जा रहे हैं।
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