79:- "DISEASE FREE WORLD"
  "यूनानी चिकित्सक-तिब्बी ख़िदमतगार या..!"
   हम यूनानी चिकित्सक-"तिब्बी ख़िदमतगार या ग़द्दार", यूनानी चिकित्सा पद्धति और पब्लिक को धोका दे रहे हैं।
  "मैं तो कहता हूं कि जहां पर ऐलोपैथिक डॉक्टर अपने हाथ खड़े कर देते हैं वहां से मेरा काम शुरू होता है।"
  12 फरवरी 2020,स्थान कंस्टीट्यूशन क्लब दिल्ली। मौक़ा था-"आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस" के बैनर तले "यूनानी डे" का। मुझे भी शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ,मैं भी आमंत्रित था। सैंकड़ों SO CALLED डॉक्टरों (BUMS डिग्री धारक हकीम) का जमघट था। गणमान्य अदाधिकारियों व सरकारी पदाधिकारियों ने भी शिरकत की। लोगों ने अपने अपने विचार भी रखें, मुझे भी मौक़ा मिला, मैं ने भी अपने विचार रखे। इस 'यूनानी डे" के मौक़े पर एक मैगज़ीन भी तक़सीम की गई। बड़ी हैरानी हुई,और ताज्जुब हुआ ये देखकर कि "आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस" के पदाधिकारियों के नाम और हिंदुस्तान के सभी राज्यों के पदाधिकारियों के नाम दर्ज थे, लेकिन उनके अधिकांश नाम से पहले "डॉक्टर" ही थे, जबकि सब के सब हकीम थे,BUMS डिग्री धारक थे।
  बहरहाल! ये सब देख कर दिल कचोट रहा था कि हम कहां जा रहे हैं। 
   पेश है मेरे दिल की आवाज़,आप भी महसूस कर सकते हैं:-
  BUMS - BACHELOR OF UNANI MEDICINE AND SURGERY.
  BAMS - BACHELOR OF AYURVEDIC MEDICINE AND SURGERY.
  BHMS - BACHELOR OF HOMEOPATHIC MEDICINE AND SURGERY.
   MBBS - BACHELOR OF MEDICINE AND BACHELOR OF SURGERY.
  ऊपर मैं ने चार प्रचलित पैथियों के SHORT FORM और FULL FORM लिखे हैं। ख़ूब ध्यान से देखिए और जी भर कर दिल थाम कर देखिए कि कहीं कोई ग़लत तो नहीं है।   
  ऊपर से ही शुरू करते हैं। ऊपर की तीनों डिग्रियों के FULL FORM बिल्कुल दुरुस्त हैं, और ऐलोपैथिक डिग्री MBBS के FULL FORM पर ग़ौर कीजिए,क्या लगता है आपको कि ये दुरुस्त और सही है? नहीं ना। MBBS का सही और दुरुस्त FULL FORM तो इस तरह होना चाहिए था - " MEDICINE OF BACHELOR AND BACHELOR OF SURGERY", या जो अभी हम लोगों को उसका FULL FORM बताया जाता है वो इस तरह- "BACHELOR OF MEDICINE AND BACHELOR OF SURGERY" है। तो इसका मतलब यह है कि इसका SHORT FORM इस तरह होना चाहिए-"BMBS".
  यही सत्य है और यही इसकी "औक़ात" है। ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्धति की बुनियाद ही झूठ और फरेब पर टिकी है।
   अब आईए एक और डिग्री को परखिए- "MD".
 इसका FULL FORM बताया जाता है- " DOCTOR OF MEDICINE". जबकि सही तो इस तरह होना चाहिए था - "MARKETING OF DRUG"(MD)
              क्या ख़्याल है आपलोगों का?
अब मैं सीधे सीधे मुद्दे पर आता हूं।ये मुद्दा बड़ा जटिल है, कड़वा सच भी है। जिस पैथी की बुनियाद ही ग़लत, झूठ और फरेब पर टिकी है, उससे कोई बीमारी ठीक होती है या नहीं, ये बताने की क़तई ज़रुरत नहीं है। इस ऐलोपैथिक पद्धति ने शुरूआत से ही सिर्फ और सिर्फ "दर्द ही दर्द" बांटे हैं। लेकिन हमारे  यूनानी चिकित्सा पद्धति के BUMS डिग्री धारकों को क्या हो गया है कि वो अपने नाम के आगे "DOCTOR" लगाने और ऐलोपैथिक दवाओं से खुलेआम इलाज करने में "बेशर्मी और ढिठाई की सारी हदें पार कर गये हैं।"
     माफ करना BUMS डिग्री धारको....एक बात अच्छी तरह से अपने ज़ेहन व दिल में बठा लें, आपको जो "हिक्मत" की शक्ल में सलाहियत हासिल है ना, उसकी कोई मिसाल नहीं मिलती है। हिक्मत अल्लाह तआला की जानिब से आपको मिली थी, लेकिन
    लुटा दी हमने जो असलाफ से मीरास पाई थी,
     सुरैया से ज़मीं पर आसमां ने हमको दे मारा।
   हिक्मत की डिग्री लेकर हकीम बन पाए और न ही डॉक्टर। पेंडुलम की तरह पब्लिक के बीच झूलते हुए अपने वजूद की तलाश में सरेगरदां हैं।
     " न ख़ुदा ही मिला न विसाले सनम।"
  "हकीम" के पेट से "डॉक्टर" वजूद में आया है। BUMS वालो ,ये समझ लो कि तेरे सामने उन "ऐलोपैथिक डॉक्टरों" की तो सर उठाने की कभी हिम्मत भी न हो पाए।आप जो एक "हकीम" होकर ऐलोपैथिक प्रैक्टिस करते हैं,वो ऐलोपैथिक डॉक्टर्स आपको कितनी नफरत भरी निगाह से देखते हैं, पब्लिक आपके बारे में क्या सोचती है,कभी तन्हाई में सोचना मेरे प्यारे भैया।
   आपको BUMS डिग्री देकर अल्ल्लाह ने अपने हिस्से में से थोड़ी "हिक्मत" तो दे दी मगर आपने उसकी अहमियत को नहीं समझा, उसकी क़द्र भी नहीं की आपने।आप अपने नाम के आगे "DR" लिखकर ख़ुश तो हो सकते हैं लेकिन उस सबसे बड़े "हकीम" ने जो आपको इनायत किया,उस पर क्या गुज़रती होगी जिसने आपको "हिक्मत" से नवाज़ा, अंधेरे में सोचिएगा ज़रुर।
  आप ख़ुद को "डॉक्टर" कहेंगे तो डॉक्टरी ही करेंगे, "हकीम" कहलाएंगे तो दिमाग़ में हिक्मत ही आएगी।आप शेर थे लेकिन गीदड़ बन बैठे।
  नोट:-
  मैं ने अथक परिश्रम और रिसर्च के बाद केवल एक ही यूनानी दवा बनाई है जिसका नाम "HEALTH IN BOX" है। केवल इसी एक दवा से सभी लाइफस्टाइल डीज़ीज़ेज़ सदा के लिए REVERSE हो जाती हैं ( जिसके लिए डॉक्टर्स जीवन भर ऐलोपैथिक दवा खाने को बता दिया करते हैं), अंग्रेज़ी दवाओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिलता है और बीमारियों से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है। असंख्य मरीजों ने आज़माया,शिफा पाई और अब बिल्कुल सेहतमंद हैं, कोई भी दवा का सेवन नहीं करते। उन्होंने अपना FEEDBACK दिया भी है जिसे मेरे YOUTUBE CHANNEL पर आप ख़ुद ही देख सकते हैं। मेरा YOUTUBE CHANNEL का नाम -"HAKEEM MD ABU RIZWAN" है। इस दवा के बारे में किसी भी प्रकार की मुकम्मल जानकारी मुझसे ले सकते हैं।
HAKEEM MD ABU RIZWAN
        BUMS,hons.(BU)
      UNANI PHYSICIAN
spl in LIFESTYLE DISEASES
+UNANI MEDICINES RESEARCH CENTRE+
SHRUTI CHOWK PURANI BASTI ROAD
JUGSALAI JAMSHEDPUR JHARKHAND
CONTACT       8651274288 & 9334518872
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