अम्वेड़कर नगर। पवित्र पावन आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रवण धाम श्रवण क्षेत्र में मडहा-विसुही के संगम तट पर श्रद्धालुओं ने स्नान दान करके भगवान भास्कर को अर्ध्य देने के बाद पूण्य अर्जित कर मंगल कामना की तथा
इस शुभ कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है, इस दिन दान करने से सम्पति बढ़ती है, ग्रह जनित दोष दूर होते है, अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।
कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, देवता अपनी दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते है। माना जाता है कि इस दिन संध्या के समय घर, मंदिर को दीपक जलाकर सजाने, दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं।
पूर्णिमा तिथि को संध्या के समय में सत्यनारायण भगवान की पूजा तथा कथा की जाती है एवं चंद्रमा को भी अर्घ्य दिया जाता है।
मिली जानकारी के अनुसार मंशापुर और गोविंद साहब के सरोवर में भी भक्तों ने स्नान दान किया।
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