मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद का निर्णय
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत
परियोजना के जनपदवार संरेखण को स्वीकृति
परियोजना की अनुमानित लागत 36,402 करोड़ रु0 पर सैद्धान्तिक अनुमति
परियोजना के निर्माण से गंगा नदी के लगभग समानान्तर
हरिद्वार से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक सुगम एवं
द्रुतगामी आवागमन सम्भव हो सकेगा
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हल्दिया से वाराणसी तक निर्मित होने
वाले जलमार्ग के माध्यम से आने वाला यातायात प्रयागराज होते
हुए दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों तक सुगमतापूर्वक जा सकेगा
परियोजना के स्वामित्व एवं क्रियान्वयन के लिए यूपीडा नोडल एजेन्सी नामित
लखनऊ: 25 नवम्बर, 2020
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अन्तर्गत गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के जनपदवार संरेखण को स्वीकृति के साथ परियोजना की अनुमानित लागत 36,402 करोड़ रुपए पर भी सैद्धान्तिक अनुमति दी गई है।
इसके अतिरिक्त परियोजना के लिए ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने, परियोजना हेतु भूमि क्रय/अधिग्रहण के लिए, वार्षिक बजट, हडको से उनकी शर्तों के अधीन लिये जाने वाले ऋण हेतु प्रस्तावित प्रक्रिया, परियोजना हेतु अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोनिटाइजेशन की प्रस्तावित प्रक्रिया, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मोनिटाइेजशन के लिए टोल, आॅपरेट एवं ट्रांसफर पद्धति अपनाए जाने हेतु तकनीकी परामर्शी चयनित करने के लिए प्रस्तावित प्रक्रिया को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिपरिषद ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु निर्णय लिया है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मुद्रीकरण से प्राप्त धनराशि को राजकोष में जमा किये जाने के पश्चात धनराशि का आहरण बजट के माध्यम से किया जायेगा। साथ ही, मंत्रिपरिषद द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के मुद्रीकरण के सम्बन्ध में प्रक्रियात्मक एवं परिचलानात्मक निर्णय हेतु उच्चाधिकार प्राप्त शासकीय समिति के गठन के प्रस्ताव, भविष्य में प्रस्तावित शासकीय समिति की अनुशंसा पर नीतिगत निर्णय लेने हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा परियोजना के सिविल निर्माण हेतु वित्त पोषण के लिये प्रस्तावित प्रक्रिया के अनुसार सम्भावनाएं तलाश करने के निमित्त पी0पी0पी0-टोल माॅडल पर निवेशकों से रुचि की अभिव्यक्ति (ई0ओ0आई0) आमंत्रित करने हेतु प्रक्रिया एवं ड्राफ्ट प्रारूप के अनुमोदन के साथ ही, यह निर्णय भी लिया है कि यदि सभी प्रयासों के बाद भी पी0पी0पी0 मोड में कार्य को सम्पादित किये जाने में कठिनाई होती है, तो उस समय प्रशासकीय विभाग द्वारा प्रस्तुत अन्य विकल्प पर विचार किया जायेगा। इस सम्बन्ध में यूपीडा को समय से सभी प्रीपेरेटरी कार्यवाहियां करने हेतु कहा जायेगा, ताकि समय बचाया जा सके।
मंत्रिपरिषद ने परियोजनान्तर्गत निर्माण हेतु प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विकल्प पर प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार कार्यवाही किये जाने हेतु सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान किया है। साथ ही, वित्तीय सलाहकार के रूप में एस0बी0आई0 कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को नामांकन के आधार पर आबद्ध किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने परियोजना के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु तकनीकी, राजस्व एवं वित्त/लेखा तथा अन्य क्षेत्रों से सम्बन्धित कार्मिकों के पदों का सृजन करते हुए तैनाती हेतु सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान करने के साथ ही, निर्णय लिया है कि पदों का सृजन सक्षम स्तर के अनुमोदन से किया जायेगा।
ज्ञातव्य है कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण से गंगा नदी के लगभग समानान्तर हरिद्वार से प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक सुगम एवं द्रुतगामी आवागमन सम्भव हो सकेगा, जो प्रदेश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अत्यन्त सहायक होगा। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से हल्दिया से वाराणसी तक निर्मित होने वाले जलमार्ग के माध्यम से आने वाला यातायात प्रयागराज होते हुए दिल्ली एवं अन्य प्रदेशों तक सुगमतापूर्वक जा सकेगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना (मेरठ से प्रयागराज तक) के निर्माण हेतु परियोजना के स्वामित्व एवं क्रियान्वयन के लिए यूपीडा को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) से (बिजौली ग्राम से समीप) से प्रारम्भ होकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2) के प्रयागराज बाईपास पर जनपद प्रयागराज के जुडापुर दाँदू ग्राम के समीप मिलेगा। इसकी अनुमानित लम्बाई 594 किमी0 है। इससे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली एवं प्रयागराज जनपद आच्छादित होंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से काफी बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी सम्भव हो सकेगा।
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