मुख्यमंत्री ने सीमैप, लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा गोरखनाथ मन्दिर,
गोरखपुर में चढ़ाए गए फूलों से निर्मित ‘श्री गोरखनाथ आशीर्वाद’ अगरबत्ती का लोकार्पण किया
मन्दिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के इस प्रयास से ‘वेस्ट को वेल्थ’
में बदलने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना साकार हो रही
निष्प्रयोज्य फूलों से अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने का यह कार्य सकारात्मक दृष्टिकोण से ही सम्भव हुआ
इस कार्य में समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा जाएगा,
इससे महिलाएं घर का कार्य करते हुए अच्छी आय भी अर्जित कर सकेंगी
भविष्य में मांगलिक कार्यक्रमों के बाद निष्प्रयोज्य फूलों और घर की पूजा के बाद
फेंके जाने वाले फूलों को भी इस अभियान में समाहित किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने 05 कृषकों को गेहूं के बीज का वितरण किया
लखनऊ: 15 नवम्बर, 2020 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में सी0आई0एस0आर0-सीमैप (केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान), लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र, चैक, जंगल कौड़िया द्वारा गोरखनाथ मन्दिर में चढ़ाए गए फूलों से निर्मित ‘श्री गोरखनाथ आशीर्वाद’ अगरबत्ती का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर हिन्दु सेवा आश्रम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मन्दिर में चढ़ाए गए फूलों से अगरबत्ती बनाने के इस प्रयास से ‘वेस्ट को वेल्थ’ में बदलने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना साकार हो रही है। इससे आस्था को सम्मान मिल रहा है। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा में कहा गया है कि इस धरती पर कुछ भी अयोग्य नहीं है। फर्क सिर्फ दृष्टि का है। जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि। निष्प्रयोज्य फूलों से अगरबत्ती व धूपबत्ती बनाने का यह कार्य सकारात्मक दृष्टिकोण से ही सम्भव हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब तक मन्दिरों में चढ़ाए गए फूल फेंक दिए जाते थे या नदियों में प्रवाहित कर दिए जाते थे। इससे आस्था भी आहत होती थी और कचरे का संकट भी हो रहा था। महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र और सीमैप ने इन फूलों को महिलाओं की आय का जरिया बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा जाएगा। इससे महिलाएं घर का कार्य करते हुए अच्छी आय भी अर्जित कर सकेंगी। इससे हमारी मातृशक्ति के स्वावलम्बन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इससे इत्र भी बनाने का प्रयोग शुरू किया गया है, जो कि अत्यन्त सुगन्धित है। भविष्य में मांगलिक कार्यक्रमों के बाद निष्प्रयोज्य फूलों और घर की पूजा के बाद फेंके जाने वाले फूलों को भी इस अभियान में समाहित किया जाएगा। साथ ही, चढ़ाए गए बेलपत्र व तुलसी से भी कई प्रकार की अगरबत्ती बनाई जाएगी।
लोकार्पण से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने इस कार्य में प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं के स्टाॅल पर जाकर अगरबत्ती बनाने के तरीके का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने 05 कृषकों को गेहूं के बीज का वितरण किया।
इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व ड्रग कण्ट्रोलर डाॅ0 जी0एन0 सिंह, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति प्रो0 यू0पी0 सिंह, वाराणसी से आए संत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महाराणा प्रताप पी0जी0 काॅलेज के प्राचार्य डाॅ0 प्रदीप राव, महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री रमेश श्रीवास्तव, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डाॅ0 वी0पी0 सिंह आदि मौजूद रहे।
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