मोतीचूर से लेकर गोंद व मेवे के लड्डू की रही बहार
लड्डू के विभिन्न रूपों ने मोहा लोगों का मन
मिर्जापुर। प्रकाश पर्व को लेकर मिठाई की दुकानों पर भी भीड़ रही। हालांकि अधिकतर खरीदारी तो दीपावली वाले दिन ही होती है लेकिन छोटी दीपावली को ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों ने जमकर खरीदारी की। मिठाई के दुकानों पर अलग अलग कीमत रही।जहां एक ओर सामान्य दुकानों पर यह दो सौ से ढाई सौ रुपये प्रति किलो रही तो शुद्ध घी की मिठाई बनाने का दावा करने वाली दुकानों पर यह तीन सौ रुपये से लेकर सात सौ रुपये तक की मिठाइयां बिकी। इसमें काजू कतली का भी दाम इतना ही रहा। इन सबमें लड्डू का बोलबाला रहा।
मोतीचूर के लड्डू से लेकर गोंद व मेवे के लड्डू की बहार रही। मोतीचूर व मगदल का लड्डू जहां एक सौ साठ रुपये से लेकर तीन सौ रुपये प्रति किलो तक रहा तो गोंद व मेवा के लड्डू का दाम छह सौ से आठ सौ के बीच रहा। इसमें भी काजू का लड्डू जो रंगीन मोतीचूर के लड्डू में बनाया गया था। काफी आकर्षक रहा। हालांकि लोगों ने उस पर अधिक ध्यान नहीं दिया। इसी तरह सोहन हलवा व बालूशाही जैसी मिठाइयां भी लोगों की पसंद रही।
लड्डू के विभिन्न रूपों ने मोहा लोगों का मन
मिर्जापुर। प्रकाश पर्व को लेकर मिठाई की दुकानों पर भी भीड़ रही। हालांकि अधिकतर खरीदारी तो दीपावली वाले दिन ही होती है लेकिन छोटी दीपावली को ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों ने जमकर खरीदारी की। मिठाई के दुकानों पर अलग अलग कीमत रही।जहां एक ओर सामान्य दुकानों पर यह दो सौ से ढाई सौ रुपये प्रति किलो रही तो शुद्ध घी की मिठाई बनाने का दावा करने वाली दुकानों पर यह तीन सौ रुपये से लेकर सात सौ रुपये तक की मिठाइयां बिकी। इसमें काजू कतली का भी दाम इतना ही रहा। इन सबमें लड्डू का बोलबाला रहा।
मोतीचूर के लड्डू से लेकर गोंद व मेवे के लड्डू की बहार रही। मोतीचूर व मगदल का लड्डू जहां एक सौ साठ रुपये से लेकर तीन सौ रुपये प्रति किलो तक रहा तो गोंद व मेवा के लड्डू का दाम छह सौ से आठ सौ के बीच रहा। इसमें भी काजू का लड्डू जो रंगीन मोतीचूर के लड्डू में बनाया गया था। काफी आकर्षक रहा। हालांकि लोगों ने उस पर अधिक ध्यान नहीं दिया। इसी तरह सोहन हलवा व बालूशाही जैसी मिठाइयां भी लोगों की पसंद रही।
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