शेरवां। क्षेत्र के गौरी गांव स्थित सिद्धपीठ स्थल प्राणपुर दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर परिसर में चल रहे नौ द्विवसीय राम कथा के विश्राम दिवस पर पं रामचन्द्र मिश्र व्यास ने हनुमान जी की लीला, प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा, विश्वास व त्याग की कथा के साथ ही साथ राम के राज्याभिषेक की कथा को विस्तार से सुनाया।
कथा वाचक ने बताया कि जब प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आए तो चारो तरफ मंगल गान हुआ। पुरे नगर में जश्न मनाया गया। इस मौके पर हनुमान जी का भव्य वार्षिक श्रृंगार, सुंदरकाण्ड का पाठ व भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। कथा वाचक ने कहा कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है। कहा कि कलयुग में प्रभु राम की कथा विशेष फलदायी है। इस दौरान राम विलाश चतुर्वेदी, अरूण कुमार चतुर्वेदी, नरेंद्र कुमार चतुर्वेदी, मारूती नंदन चौबे, स्वतंत्र चतुर्वेदी, लायक चतुर्वेदी, महिमा चौबे सहित सैकड़ों की संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे।नर नारी श्रोताओं ने कथा का रसास्वादन किया।संचालन पं झांकी दास चतुर्वेदी ने किया।
कथा वाचक ने बताया कि जब प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापस आए तो चारो तरफ मंगल गान हुआ। पुरे नगर में जश्न मनाया गया। इस मौके पर हनुमान जी का भव्य वार्षिक श्रृंगार, सुंदरकाण्ड का पाठ व भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। कथा वाचक ने कहा कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है। कहा कि कलयुग में प्रभु राम की कथा विशेष फलदायी है। इस दौरान राम विलाश चतुर्वेदी, अरूण कुमार चतुर्वेदी, नरेंद्र कुमार चतुर्वेदी, मारूती नंदन चौबे, स्वतंत्र चतुर्वेदी, लायक चतुर्वेदी, महिमा चौबे सहित सैकड़ों की संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे।नर नारी श्रोताओं ने कथा का रसास्वादन किया।संचालन पं झांकी दास चतुर्वेदी ने किया।
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