बीते कुछ समय से सोशल मीडिया में अम्बेडकरनगर जिले के मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट से सम्बन्धी खबरें वायरल हो रही हैं। इन खबरों को महकमे के उच्चाधिकारियों ने कितनी गम्भीरता से संज्ञान में लिया है, यह तो स्पष्ट नहीं हो रहा है फिर भी सोशल मीडिया द्वारा वायरल की जा रही खबरों में कितनी सच्चाई है इसकी जाँच होनी चाहिए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा। सोशल मीडिया में फूड मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के क्षत्रिय जाति के बहुसंख्यक एम.आई. के बारे में जो भी बातें लिखी गई हैं वह किसी हद तक सत्यता के निकट हैं। क्षत्रिय जाति के इन अधिकारियों के अलावा कुछेक अन्य जाति के मार्केटिंग इंस्पेक्टर्स हैं जो अपनी कार्यशैली से काफी चर्चा में बने हुए हैं, उनका भी जिक्र करना आवश्यक है।
धाकड़ एवं वाक्पटु तथा मीडिया प्रबन्धन में महारथ हासिल कर निर्बाध रूप से धनोपार्जन में जुटे विपणन निरीक्षकों में कटेहरी ब्लाक के एम.आई. व भीटी ए.एम.ओ. मनोज कुमार श्रीवास्तव का नाम इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। अपनी कुशल कार्यशैली से एम.के. श्रीवास्तव ठेकेदार, ट्रान्सपोर्टर्स, राइस मिलर्स के साथ-साथ क्षेत्र के प्रभावशाली, दबंग, हैकड़ और माननीय तथा उनके प्रतिनिधियों से अच्छा याराना बना रखा है। अधिकांश मीडिया कर्मियों से इनकी दोस्ती जिले में जग-जाहिर है। चर्चा के अनुसार ए.एम.ओ. भीटी एम.के. श्रीवास्तव द्वारा रबी और खरीफ के उत्पादों के खरीद के समय अपनी विशिष्ट कार्यशैली से लाखों रूपए खुद का लाभ लिया जाता है। बताने वालों के अनुसार एम.के. श्रीवास्तव जिला स्तरीय उच्चाधिकारियों, मण्डल अधिकारियों और प्रदेश मुख्यालय के उच्चाधिकारियों को नियमित रूप से ऑब्लाइज करते रहते हैं। और अभयदान पाकर खुला खेल फर्रूखाबादी खेलते रहते हैं।
बीते 8 महीनों में कोविड-19 के चलते लाकडाउन में इनके द्वारा आयोजित लंगर कार्यक्रम काफी चर्चा में रहा। कहने वालों के अनुसार 15 और 19 मई 2020 को कटेहरी गोदाम पर आयोजित लंगर में भूखे राहगीरों ने बने लज़ीज व्यंजनों का भरपेट आनन्द लिया। लंगर आयोजन के इन मौकों पर इनका सहयोग इनके परिवार के सभी सदस्यों बड़े उत्साहपूर्वक किया था। दोनों मौकों पर एम.के. श्रीवास्तव की धर्मपत्नी और बच्चों ने लंगर जैसे पुनीत आयोजन में शिरकत कर इनका सहयोग किया था। मीडिया में दोनों लंगरों की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित हुई थीं। हालांकि मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के अन्य निरीक्षक और कर्मचारी मनोज कुमार श्रीवास्तव के इस पहल से प्रसन्न नहीं नजर आ रहे थे। फिर भी जिला खाद्य विपणन अधिकारी अजित प्रताप सिंह और ए.एम.ओ. अकबरपुर जी.पी. वर्मा उनके लंगर आयोजन में पहुँचे थे।
मीडिया के कुछेक इनके खास मित्रों की लंगर कार्यक्रम में उपस्थिति अन्य मीडिया कर्मियों को अवश्य ही खटकने लगी। इन सब बातों से बेफिक्र होकर ए.एम.ओ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लंगर का आयोजन करके यह सिद्ध कर दिया कि वह एक प्रभावशाली, धाकड़ एवं विशिष्ट कार्यशैली से कार्य करने वाले मार्केटिंग ऑफिसर हैं। विभागीय लोगों के अनुसार मनोज कुमार श्रीवास्तव ने लाकडाउन में लंगर का आयोजन करके यह साबित करने का प्रयास किया था कि वह एक कर्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील राजकीय मुलाज़िम हैं। परन्तु लंगर आयोजन एक दिखावा था असल में तो बात कुछ और ही थी। इस कार्यक्रम में सारा पैसा उन ठेकेदारों, राइसमिलर्स और बिचौलियों का लगा था, जो इनकी फ्रेन्ड सर्किल में आते हैं। यही लोग धान, गेहूँ खरीद से लेकर अन्य विभागीय कार्यों में ए.एम.ओ. का भरपूर सहयोग करते हैं और धन की बंदरबांट करते हैं। श्रीवास्तव जी और इनकी मित्र मण्डली एक दूसरे के पूरक हैं। बहरहाल इनके बारे में काफी कुछ बाद में फिलवक्त आगामी दिनों में बहुत कुछ...........।
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