नवाबगंज (गोंडा)।कटरा शिवदयाल गंज स्थित कटरा कुटी पीठ पर चल रहे नौ दिवसीय हनुमान जयंती महोत्सव के सातवें दिन की कथा में कथा व्यास प. मिथिला शरण पांडे ने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में सतत परीक्षा देनी पड़ती है श्री राम जी ने स्वयं भी परीक्षा दी हनुमान जी को परीक्षा देनी पड़ी परीक्षा की हद तो तब हो गई जब हनुमान जी अशोक वाटिका में वृक्ष पर बैठे थे नीचे आर्यत भाव से करुण कंदन करती माता सीता को रावण ने यह कहते हुए ललकारा कि यदि एक महीने के अंदर तुमने मेरी बात नहीं मान ली तो इस तलवार से तुम्हारी गर्दन उड़ा दूंगा विश्वास कीजिए कि हनुमान जी के जीवन में यह धैर्य की सबसे बड़ी परीक्षा थी !
इस प्रसंग की चर्चा करते हुए कथा व्यास ने बताया यह बताने की कोशिश की कि परीक्षा से कभी भी किसी को घबराना नहीं चाहिए परीक्षा सौभाग्य का सूचक होता है हर परीक्षा के बाद अच्छी सफलता प्राप्ति का उद्देश्य ही इंसान को भगवान बना देता है इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान राम मणि पांडे, सुशीला पांडे, अरुण सिंह ,विनोद गुप्ता, हिंदू युवा वाहिनी के जिला अध्यक्ष शारदा कांत पांडे , गोपाल सिंह, विनय गुप्ता ,पंडित परशुराम शर्मा, अंजनी सिंह, श्रवण मौर्या दिवाकर मौर्य, इंद्रजीत मिश्रा ,राका शर्मा, जगत नारायण शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आनन्द द्विवेदी
गोण्डा
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know