भ्रातृ द्वितीया (भाई दूज) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं। यह दीपावली के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं।
यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही महत्व रखता है। सोमवार की सुबह 8:52 बजे तक राहुकाल रहेगा तथा द्वितीया तिथि की शुरुआत 09:11 बजे से हो रही है, इसीलिए बहनें इसके बाद पूजा या भाई को टीका लगाएंगी।
भाई दूज पूजन का शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:13 से 11:56 बजे तक
गुली काल मुहूर्त: दोपहर 12:56 से 02:17 बजे तक
शुभ मुहूर्त: मध्य काल 12:56 से शाम 03:06 बजे तक
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