उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के अन्तर्गत विभिन्न कम्पोनेण्ट्स हेेतु धनराशि अवमुक्त
लखनऊ: 10 नवंबर 2020
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के अन्तर्गत कम्पोनेण्ट बी-3 के लिए 821.58 लाख रूपये, कम्पोनेण्ट सी-2 के लिए 75 लाख रूपये तथा कम्पोनेण्ट-डी के लिए 500 लाख रूपये तथा कम्पोनेण्ट एफ-2 के लिए 1.45 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है।
इस सम्बन्ध में सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के विशेष सचिव श्री मुश्ताक़ अहमद की ओर से 09 नवम्बर 2020 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के लिए जारी की जा रही धनराशि के सापेक्ष कराये जाने वाले कार्यों पर व्यय प्रबन्धन एवं शासकीय व्यय में मितव्ययिता के सम्बन्ध में वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का खास तौर से पालन करना होगा।
व्यय का प्रमाण पत्र तथा परियोजनाओं के लिए जनपदवार व्यय की गयी धनराशि का विवरण तथा परियोजना की भौतिक प्रगति की सूचना आगामी मांग से पूर्व मुख्य अभियन्ता पैक्ट के माध्यम से शासन को ससमय उपलब्ध कराना होगा।
रिमोट सेन्सिग एप्लीकेशन सेण्टर उ0प्र0 लखनऊ राज्य सरकार के नियन्त्रण में स्वयत्तशासी संस्था है। उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के लिए मांग पर पैक्ट कार्यालय द्वारा प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाते हैं इसलिए कम्पोनेण्ट एफ-2 के कार्यों हेतु अवमुक्त की जा रही धनराशि के बारे में आहरण करते समय मुख्य अभियन्ता पैक्ट सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा कराये गये कार्योें का परीक्षण/सत्यापन कर प्रति हस्ताक्षर किया जायेगा।
लखनऊ: 10 नवंबर 2020
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के अन्तर्गत कम्पोनेण्ट बी-3 के लिए 821.58 लाख रूपये, कम्पोनेण्ट सी-2 के लिए 75 लाख रूपये तथा कम्पोनेण्ट-डी के लिए 500 लाख रूपये तथा कम्पोनेण्ट एफ-2 के लिए 1.45 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है।
इस सम्बन्ध में सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग के विशेष सचिव श्री मुश्ताक़ अहमद की ओर से 09 नवम्बर 2020 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि इन परियोजनाओं के लिए जारी की जा रही धनराशि के सापेक्ष कराये जाने वाले कार्यों पर व्यय प्रबन्धन एवं शासकीय व्यय में मितव्ययिता के सम्बन्ध में वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का खास तौर से पालन करना होगा।
व्यय का प्रमाण पत्र तथा परियोजनाओं के लिए जनपदवार व्यय की गयी धनराशि का विवरण तथा परियोजना की भौतिक प्रगति की सूचना आगामी मांग से पूर्व मुख्य अभियन्ता पैक्ट के माध्यम से शासन को ससमय उपलब्ध कराना होगा।
रिमोट सेन्सिग एप्लीकेशन सेण्टर उ0प्र0 लखनऊ राज्य सरकार के नियन्त्रण में स्वयत्तशासी संस्था है। उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट द्वितीय चरण के लिए मांग पर पैक्ट कार्यालय द्वारा प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाते हैं इसलिए कम्पोनेण्ट एफ-2 के कार्यों हेतु अवमुक्त की जा रही धनराशि के बारे में आहरण करते समय मुख्य अभियन्ता पैक्ट सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा कराये गये कार्योें का परीक्षण/सत्यापन कर प्रति हस्ताक्षर किया जायेगा।
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