प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में लैब के माध्यम से की जा रही हैं डायबिटीज की मुफ्त जाँचें
एन॰पी॰सी॰डी॰सी॰एस॰ कार्यक्रम के माध्यम से मिल रही हैं इंसुलिन सहित सभी प्रकार की औषधियों की सुविधा
- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह
स्वास्थ्य मंत्री ने विश्व मधुमेह दिवस पर वेबिनार के माध्यम से किया सम्बोधित
दिनाॅकः 20 नवंबर-2020
आज दिनांक 20.11.2020 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश के तत्वावधान में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर श्छनतेमेए क्पंइमजमे ंदक ब्वअपक.19श् विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य अतिथि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह जी ने कहा कि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में स्थित लैब के माध्यम से डायबिटीज की मुफ्त जाँचें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कार्यरत कम्यूनिटी हेल्थ वर्करों के माध्यम से गैर संचारी रोगों विशेषकर डायबिटीज की जाँच और उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। एन॰पी॰सी॰डी॰सी॰एस॰ कार्यक्रम के माध्यम से इंसुलिन सहित सभी प्रकार की औषधियों की सुविधा प्रदान की जा रही है तथा प्रदेश में 55 जनपदों में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, जिसे शीघ्र ही बढ़ाकर 75 जनपदों में किया जायेगा। साथ ही निःशुल्क अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे और तकनीकी लैब सुदृढीकरण किया जा रहा है।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि नवीनतम शोध के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में मृत्यु की संभाव्यता को कम करने के लिए डायबिटीज सहित सभी गैर-संचारी रोगों से बचाव अति आवश्यक है। यह लक्ष्य जीवन-शैली में सकारात्मक परिवर्तन के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। गाँव-गाँव के आम आदमी तक इन बीमारियों से बचाव की जानकारी पहुँचाने की दिशा में संचार योजना संचालित की जानी चाहिए, ताकि डायबिटीज और कोरोना के संकट से बचा जा सके।
वेबिनार का शुभारम्भ श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश के स्वागत उद्बोधन से किया गया। अपने उद्बोधन में स्वास्थ्य विभाग और एन॰एच॰एम॰,यू॰पी॰ की डायबिटीज के संबंध में योजनाओं और कार्यक्रमों के सम्बंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप उन लोगों पर अधिक हो रहा है जो गैर-संचारी रोगों से पूर्व में ही पीड़ित हैं। आज 60 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण गैर-संचारी बीमारियाँ हैं। जीवन-शैली में सुधार करके इन गैर-संचारी रोगों में से प्रमुख बीमारी डायबिटीज से लोगों की रक्षा की जा सकती है। वित्तीय वर्ष 2013-14 से संचालित नेशनल प्रोग्राम फार कैंसर, डायबिटीज, कार्डिएक अरेस्ट एंड स्ट्रोक्स और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के माध्यम से इस वर्ष अब तक 48 लाख लोगों की जाँच की जा चुकी है। शीघ्र ही, प्रदेश के स्कूल जाने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के लिए संचालित कार्यक्रमों में भी डायबिटीज की जाँच को शामिल किया जा रहा है।
डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए आज के वेबिनार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित इस वर्ष की वैश्विक थीम के सम्बंध में प्रकाश डालते हुए (प्रो०) डा० नरसिंह वर्मा, मुख्य विभागाध्यक्ष मेडिसिन, के॰जी॰एम॰यू॰, लखनऊ ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्वास्थ्य कर्मचारियों के आधे से अधिक की संख्या नर्सों की है, जिनकी मधुमेह पीड़ित रोगियों के उपचार में अति महत्वपूर्ण भूमिका है।“ आज के इस वेबिनार में प्रोफेसर वी॰ सेशैया, चेयरमैन, डायबिटीज रिसर्च इंस्टिट्यूट, चेन्नई ने कहा कि “खराब जीवनशैली का सबसे खतरनाक असर गर्भावस्था के दौरान होता है जबकि भ्रूण को माँ से टाइप-2 प्रकार का डायबिटीज होने की पूरी सम्भावना होती है। प्रत्येक गर्भवती महिला की गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच और उपचार कर इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।“ इसी क्रम में बी॰बी॰डी॰ मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभागाध्यक्ष और त्ैैक्प् के टपबम च्तमेपकमदज डा० अनुज माहेश्वरी ने ग्लूकोज स्तर में परिवर्तन और खराब जीवन शैली की वजह से होने वाले टाइप-2 प्रकार के डायबिटीज प्रबंधन पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
वेबिनार में श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश और विशिष्ट अतिथि डा० राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तरप्रदेश ने भी कार्यक्रम के उद्देश्य, विभाग के लक्ष्य और कार्यक्रमों के सम्बंध में अपना उद्बोधन दिया। वेबिनार दो सत्रों में संचालित हुआ, जिसमें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध विद्वान विषय-विशेषज्ञों ने वेबिनार के विषय में अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
प्रदेश के सभी जनपद चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एपीडेमोलाजिस्ट, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला फाइनेंस कम लाजिस्टिक कंसलटेंट, डाटा एंट्री आपरेटर, जनरल फिजीशियन, फीजियोथेरेपिस्ट, स्टाफनर्स, लैब टेकनीशियन एवं काउंसलरों ने जूम लिंक के माध्यम से इस वेबिनार में प्रतिभाग किया।
एन॰पी॰सी॰डी॰सी॰एस॰ कार्यक्रम के माध्यम से मिल रही हैं इंसुलिन सहित सभी प्रकार की औषधियों की सुविधा
- चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह
स्वास्थ्य मंत्री ने विश्व मधुमेह दिवस पर वेबिनार के माध्यम से किया सम्बोधित
दिनाॅकः 20 नवंबर-2020
आज दिनांक 20.11.2020 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश के तत्वावधान में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर श्छनतेमेए क्पंइमजमे ंदक ब्वअपक.19श् विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य अतिथि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह जी ने कहा कि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयों में स्थित लैब के माध्यम से डायबिटीज की मुफ्त जाँचें की जा रही हैं। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में कार्यरत कम्यूनिटी हेल्थ वर्करों के माध्यम से गैर संचारी रोगों विशेषकर डायबिटीज की जाँच और उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। एन॰पी॰सी॰डी॰सी॰एस॰ कार्यक्रम के माध्यम से इंसुलिन सहित सभी प्रकार की औषधियों की सुविधा प्रदान की जा रही है तथा प्रदेश में 55 जनपदों में हीमोडायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, जिसे शीघ्र ही बढ़ाकर 75 जनपदों में किया जायेगा। साथ ही निःशुल्क अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्स-रे और तकनीकी लैब सुदृढीकरण किया जा रहा है।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुए उन्होंने बताया कि नवीनतम शोध के अनुसार वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में मृत्यु की संभाव्यता को कम करने के लिए डायबिटीज सहित सभी गैर-संचारी रोगों से बचाव अति आवश्यक है। यह लक्ष्य जीवन-शैली में सकारात्मक परिवर्तन के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। गाँव-गाँव के आम आदमी तक इन बीमारियों से बचाव की जानकारी पहुँचाने की दिशा में संचार योजना संचालित की जानी चाहिए, ताकि डायबिटीज और कोरोना के संकट से बचा जा सके।
वेबिनार का शुभारम्भ श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश के स्वागत उद्बोधन से किया गया। अपने उद्बोधन में स्वास्थ्य विभाग और एन॰एच॰एम॰,यू॰पी॰ की डायबिटीज के संबंध में योजनाओं और कार्यक्रमों के सम्बंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप उन लोगों पर अधिक हो रहा है जो गैर-संचारी रोगों से पूर्व में ही पीड़ित हैं। आज 60 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण गैर-संचारी बीमारियाँ हैं। जीवन-शैली में सुधार करके इन गैर-संचारी रोगों में से प्रमुख बीमारी डायबिटीज से लोगों की रक्षा की जा सकती है। वित्तीय वर्ष 2013-14 से संचालित नेशनल प्रोग्राम फार कैंसर, डायबिटीज, कार्डिएक अरेस्ट एंड स्ट्रोक्स और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के माध्यम से इस वर्ष अब तक 48 लाख लोगों की जाँच की जा चुकी है। शीघ्र ही, प्रदेश के स्कूल जाने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जाँच के लिए संचालित कार्यक्रमों में भी डायबिटीज की जाँच को शामिल किया जा रहा है।
डायबिटीज पर नियंत्रण के लिए आज के वेबिनार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित इस वर्ष की वैश्विक थीम के सम्बंध में प्रकाश डालते हुए (प्रो०) डा० नरसिंह वर्मा, मुख्य विभागाध्यक्ष मेडिसिन, के॰जी॰एम॰यू॰, लखनऊ ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्वास्थ्य कर्मचारियों के आधे से अधिक की संख्या नर्सों की है, जिनकी मधुमेह पीड़ित रोगियों के उपचार में अति महत्वपूर्ण भूमिका है।“ आज के इस वेबिनार में प्रोफेसर वी॰ सेशैया, चेयरमैन, डायबिटीज रिसर्च इंस्टिट्यूट, चेन्नई ने कहा कि “खराब जीवनशैली का सबसे खतरनाक असर गर्भावस्था के दौरान होता है जबकि भ्रूण को माँ से टाइप-2 प्रकार का डायबिटीज होने की पूरी सम्भावना होती है। प्रत्येक गर्भवती महिला की गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच और उपचार कर इस बीमारी पर नियंत्रण किया जा सकता है।“ इसी क्रम में बी॰बी॰डी॰ मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभागाध्यक्ष और त्ैैक्प् के टपबम च्तमेपकमदज डा० अनुज माहेश्वरी ने ग्लूकोज स्तर में परिवर्तन और खराब जीवन शैली की वजह से होने वाले टाइप-2 प्रकार के डायबिटीज प्रबंधन पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
वेबिनार में श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तरप्रदेश और विशिष्ट अतिथि डा० राकेश दुबे, महानिदेशक, परिवार कल्याण, उत्तरप्रदेश ने भी कार्यक्रम के उद्देश्य, विभाग के लक्ष्य और कार्यक्रमों के सम्बंध में अपना उद्बोधन दिया। वेबिनार दो सत्रों में संचालित हुआ, जिसमें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध विद्वान विषय-विशेषज्ञों ने वेबिनार के विषय में अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
प्रदेश के सभी जनपद चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एपीडेमोलाजिस्ट, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला फाइनेंस कम लाजिस्टिक कंसलटेंट, डाटा एंट्री आपरेटर, जनरल फिजीशियन, फीजियोथेरेपिस्ट, स्टाफनर्स, लैब टेकनीशियन एवं काउंसलरों ने जूम लिंक के माध्यम से इस वेबिनार में प्रतिभाग किया।
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