मिर्जापुर। लक्ष्मी नगरी में कारोबार पर छायी सुस्ती धनतेरस पर दूर हुई। नगर के विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पूरे दिन खरीदारी से बाजार चहक उठा। धनतेरस पर बृहस्पतिवार को सुबह पूजापाठ के बाद दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों पर बैठ गए। दोपहर बाद दुकानों पर भीड़ बढ़ती चली गई। जैसे-जैसे शाम ढलती गई दुकानदारी चढ़ती गई। सराफा, आभूषण, बर्तन, कपड़े के साथ ही ऑटोमोबाइल्स के शोरूम में ग्राहकों का रेला लगा रहा। शाम तक लगभग सवा सौ करोड़ के आसपास का कारोबार हुआ।
नगर के सिविल लाइंस, रमईपट्टी, वासलीगंज, महुवरिया, घंटाघर व बसनई बाजार स्थित बर्तन की दुकानों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। धनतेरस पर लोगों ने बर्तनों की खरीदारी की। थाली, ग्लास, कटोरी व चम्मच के अलावा किचन सेट आदि खरीदा। ज्यादा या बड़े सामानों की खरीददारी पर दुकानदारों की ओर से चम्मच, कटोरी, लंच बाक्स आदि ग्राहकों उपहार स्वरूप दिया गया। इसी तरह नगर के वासलीगंज, घंटाघर, धुंधीकटरा, गणेशगंज, बसनई बाजार, मुकेरी बाजार, आर्य कन्या रोड के साथ ही अन्य बाजारों में आभूषण की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। धनतेरस से कुछ दिन पूर्व दिए गए आर्डर की बृहस्पतिवार को डिलेवरी दी गई। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्कों के साथ ही आभूषण की भी खरीददारी हुई। गणेशगंज, धुंधीकटरा, वासलीगंज स्थित सराफा व्यावसायी श्रीगोपाल सोनी, विजय कुमार सराफ व नीरज अग्रवाल आदि का कहना है कि कोरोनाकाल के बावजूद इस वर्ष आभूषणों की अच्छी बिक्री हुई। लोहिया तालाब, भरुहना, पीलीकोठी, पैरियाटोला में स्थित ऑटोमाबाईल की दुकानों पर वाहनों की जमकर बिक्री हुई। इसी तरह से आटोमोबाइल शोरूम पर ग्राहकों की भीड़ रही। धनतेरस पर ऐसे प्रतिष्ठानों की ओर से दिए ऑफर के चलते सबसे ज्यादा दो पहिया व चार पहिया वाहन खूब बिके। हालांकि कई जगह पर एडवांस दिए जाने के बावजूद धनतेरस पर वाहन न मिलने से ग्राहकों में मायूसी भी रही।
-धनतेरस पर जिले में कारोबार
- सोना-चांदी के आभूषण व सिक्के- 30 से 32 करोड़ रुपये।
- ऑटो मोबाइल (दो पहिया और चार पहिया )- 32 से 34 करोड़ रुपये।
- बर्तन व्यवसाय - छह से सात करोड़ रुपये।
- कपड़ा व्यवसाय - 12 से 14 करोड़ रुपये।
- इलेक्ट्रानिक्स (टीवी, फ्रीज)- 10 से 12 करोड़ रुपये।
-झालर व दीपावली के अन्य सामान- 14 से 16 करोड़ रुपये।
- रियल इस्टेट- 15 से 20 करोड़ रुपये।
-धनतेरस पर सराफा बाजार रहे गुलजार, जमकर हुई खरीदारी
नगर के सिविल लाइंस, रमईपट्टी, वासलीगंज, महुवरिया, घंटाघर व बसनई बाजार स्थित बर्तन की दुकानों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही। धनतेरस पर लोगों ने बर्तनों की खरीदारी की। थाली, ग्लास, कटोरी व चम्मच के अलावा किचन सेट आदि खरीदा। ज्यादा या बड़े सामानों की खरीददारी पर दुकानदारों की ओर से चम्मच, कटोरी, लंच बाक्स आदि ग्राहकों उपहार स्वरूप दिया गया। इसी तरह नगर के वासलीगंज, घंटाघर, धुंधीकटरा, गणेशगंज, बसनई बाजार, मुकेरी बाजार, आर्य कन्या रोड के साथ ही अन्य बाजारों में आभूषण की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही। धनतेरस से कुछ दिन पूर्व दिए गए आर्डर की बृहस्पतिवार को डिलेवरी दी गई। धनतेरस पर सोने-चांदी के सिक्कों के साथ ही आभूषण की भी खरीददारी हुई। गणेशगंज, धुंधीकटरा, वासलीगंज स्थित सराफा व्यावसायी श्रीगोपाल सोनी, विजय कुमार सराफ व नीरज अग्रवाल आदि का कहना है कि कोरोनाकाल के बावजूद इस वर्ष आभूषणों की अच्छी बिक्री हुई। लोहिया तालाब, भरुहना, पीलीकोठी, पैरियाटोला में स्थित ऑटोमाबाईल की दुकानों पर वाहनों की जमकर बिक्री हुई। इसी तरह से आटोमोबाइल शोरूम पर ग्राहकों की भीड़ रही। धनतेरस पर ऐसे प्रतिष्ठानों की ओर से दिए ऑफर के चलते सबसे ज्यादा दो पहिया व चार पहिया वाहन खूब बिके। हालांकि कई जगह पर एडवांस दिए जाने के बावजूद धनतेरस पर वाहन न मिलने से ग्राहकों में मायूसी भी रही।
-धनतेरस पर जिले में कारोबार
- सोना-चांदी के आभूषण व सिक्के- 30 से 32 करोड़ रुपये।
- ऑटो मोबाइल (दो पहिया और चार पहिया )- 32 से 34 करोड़ रुपये।
- बर्तन व्यवसाय - छह से सात करोड़ रुपये।
- कपड़ा व्यवसाय - 12 से 14 करोड़ रुपये।
- इलेक्ट्रानिक्स (टीवी, फ्रीज)- 10 से 12 करोड़ रुपये।
-झालर व दीपावली के अन्य सामान- 14 से 16 करोड़ रुपये।
- रियल इस्टेट- 15 से 20 करोड़ रुपये।
-धनतेरस पर सराफा बाजार रहे गुलजार, जमकर हुई खरीदारी
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